मधुमेह (Diabetes) रोग का आयुर्वेदिक उपचार

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मधुमेह (Diabetes) रोग का आयुर्वेदिक उपचार
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ब्लड शुगर, मधुमेह, डायबिटीज
KayaWell Expert

मधुमेह यानी शुगर की बीमारी सीधे तौर पर ख़राब जीवन शैली का नतीजा है। हालाँकि कई मामलों में अगर पेरेंट्स या पीढ़ी में किसी को मधुमेह की बीमारी हो तो बच्चों को भी डायबिटीज हो सकती है। नियमित एक्सरसाइज की कमी, अधिक कैलोरी का भोजन आदि कई कारणों से ब्लड में शुगर लेवल बढ़ सकता है अतः डायबिटीज का कारण बनता है। 

ब्लड शुगर अर्थात मधुमेह को नियंत्रित करना आज एक बहुत बड़ी चुनोती बन गया है, मगर आयुर्वेद और घरेलु ज्ञान इतना प्रबल है के इस पर विश्वास रख कर इसको निरंतर करने से कितना भी प्रबल रोग हो सही होता है। अनेको लोगों ने इनको अपना कर अपनी मधुमेह को नियंत्रित किया है तो अब आपकी बारी है। इसके लिए ज़रूरत है बस निरंतरता और परहेज की।

मधुमेह (Diabetes) के कारण, लक्षण और उपाय

आइये जानते हैं क्या होता है मधुमेह या डायबिटीज? जानते हैं विस्तार से इसके कारणों, लक्षण और बचने के उपाय के बारे में -

1) मधुमेह (Diabetes) क्या है?

मधुमेह, उपापचय संबंधी परेशानी है। ब्लड में लम्बे समय तक शुगर के मात्रा बढ़ी रहने से डायबिटीज की समस्या हो सकती है। यह एक साइलेंट बीमारी जिसके कारण कई अन्य बीमारियाँ घर कर लेती हैं। मधुमेह की स्थिति में पेनक्रियाज (अग्नाशय) पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन का उप्तादन नहीं कर पाती  और अगर पर्याप्त इन्सुलिन का उत्पादन होता भी है तो कोशिकाएं उसको रेस्पोंस नहीं कर पाती। 

2) मधुमेह (Diabetes) कैसे होता है, जानिए इसके कारण

जो लोग अधिक मीठा, फास्ट फ़ूड, अधिक कैलोरी युक्त भोजन करते हैं और शारीरक श्रम की कमी होती है, इन स्थितियों में मधुमेह की परेशानी हो सकती है। इस बीमारी में पैन्क्रियाज में इन्सुलिन कम बनता है। इन्सुलिन ग्लूकोज के अवशोषण का कार्य करता है, इससे ब्लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है और यही कारण डायबिटीज का होता है। इसलिए शुगर के लक्षण और इलाज के लिए मरीज के भोजन के समय, भोजन में क्या खाया जा रहा है आदि चीज़ों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

3) मधुमेह (Diabetes) कितने प्रकार की होती होती है

मधुमेह मुखत: दो प्रकार की होती है, आइये जानते हैं इसके बारे में 

टाइप 1 डायबिटीज - इस प्रकार के शुगर में इम्युनिटी सिस्टम पैनक्रियाज की बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, बीटा कोशिकाए इन्सुलिन उत्पादन करती है। ऐसे में इन्सुलिन की कमी हो जाती है और ब्लड शुगर बढ़ जाती है। कई बार इस प्रकार की डायबिटीज का कारण आनुवंशिक भी हो जाता है। इसके लक्षण काफ़ी तेजी से उभर कर सामने आते हैं।

टाइप 2 डायबिटीज -  इस प्रकार के शुगर में इन्सुलिन के प्रवाह में रुकावट आती है। इसका मुख्य कारण मोटापा, ख़राब जीवन शैली और आनुवंशिक भी हो सकता है। इसके लक्षण धीरे धीरे प्रकट होते हैं। 

इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान भी शुगर बढ़ जाती है और सेकेंडरी डायबिटीज भी होती है, इनको दवाओं के द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है।

4) मधुमेह (Diabetes) को कैसे पहचाने, जानिए मधुमेह के लक्षण

डायबिटीज के लक्षण को कई बार आसानी से पहचान नहीं पाते, क्योंकि मरीज को ये चीज़ें सामान्य ही लगती है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जो मधुमेह होने के संकेत देते हैं -  

इसके प्रमुख लक्षणों में -

  • बार बार पेशाब आना 

  • प्यास अधिक लगना 

  • भूख तेज लगना 

  • देखने में धुंधलापन 

  • अचानक बिना किसी कारण वजन कम होना

ये लक्षण अगर लगातार बने रहते हैं और इनके लिए कोई ट्रीटमेंट नहीं लिया जाता तो इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक, किडनी से जुड़ी समस्या आदि हो सकती है। 

5) मधुमेह (Diabetes) से बचने के उपाय

अगर आप पूछना चाहते हैं कि डायबिटीज की सबसे अच्छी दवा क्या है, तो वो है दिनचर्या व्यवस्थित रखना और खानपान का ध्यान रखना। अगर आपकी भोजनशैली अच्छी नहीं है, शारीरिक कसरत नहीं करते तो इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। 

  • प्रतिदिन आधे से एक घंटा एक्सरसाइज अवश्य करें।

  • भोजन के बाद चहलकदमी करें। कम से कम दो हजार किमी पैदल चलें।

  • मोटापा न बढ़ने दें और कब्ज़ भी ना होने दें।

  • अगर परिवार में किसी को पहले शुगर रहा है तो, आप भी नियमित जाँच करवाएं। आनुवांशिक रूप में भी शुगर ट्रान्सफर हो सकता है। 

  • मीठा कम खाएं। फ़ास्ट फ़ूड, कैलोरी फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करें। इनमें फैट और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है जो ब्लड में शुगर लेवल बढ़ा देती है।

6) मधुमेह (Diabetes) को कंट्रोल करने के घरेलू उपाय

अगर आपको शुगर का देसी इलाज जानना है तो कुछ ऐसी औषधियां है जो हमारे आस पास या घर में ही आसानी से मिल जाती है। इनके इस्तेमाल से शुगर स्तर कम किया जा सकता है। हालांकि डायबिटीज के घरेलू उपाय करने के साथ आपको कुछ अन्य बातों जैसे भोजन का समय, मात्रा और किस तरह का भोजन कर रहे हैं इसका विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। आइये जानते हैं शुगर के लिए कुछ घरेलु इलाज:

  • जामुन - जामुन का फल, बीज और जूस तीनों ही डायबिटीज के लिए घरेलु उपचार साबित हो सकता है। जामुन खाएं या इसकी गुठलियों को पीसकर सुबह खाली पेट हलके गर्म पानी के सस्थ लेवें। 

  • अंजीर - अंजीर के पत्तों को सुबह खाली पेट चबाएं। इसके पत्तों को उबाल कर भी आप पी सकते हैं।

  • मेथी - शुगर रोगियों के लिए मेथी बहुत कारगर उपाय है। मेथी के बीजों को रात में भिगोकर अंकुरित कर लें और सुबह खाएं। नाश्ते में डाल कर भी मेथी दाने खाए जा सकते हैं। क्या नाश्ता करना है ? इसके बारे में  अपने निकटतम डॉक्टर से जरुर परामर्श करें। जिस पानी में मेथी दाने गलाए जाएँ, उस पानी को भी सुबह पी जाना है। 

  • लहसुन - लहसुन गरम तासीर की औषधि जो कई प्रकार के रोगों में लाभ देती है। रात में दो से तीन कलियाँ भिगो लें और सुबह खाली पेट चबाकर खा लें।

7) मधुमेह (Diabetes) के लक्षण दिखने पर क्या करना चाहिए?

अगर को डायबिटीज के लक्षण दिख रहे हैं, जैसे बार बार पेशाब, चक्कर, अचानक बिना किसी कारण वजन कम होना, प्यास अधिक लगना, चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना, सुस्ती अधिक रहना आदि सभी लक्षण डायबिटीज होने के है। इसलिए - 

  • समय रहते आपको एक अच्छे मधुमेह विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लेकर जांच करवानी चाहिए।

  • अगर डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री है तो ये जांच करवाना और जरुरी हो जाता है। जीवन शैली में बदलाव लायें और नियमित योग प्राणायाम आदि करें।

  • किसी योग और आयुर्वेद विशेषज्ञ से भी परामर्श ले सकते हैं, मधुमेह में आयुर्वेदिक उपचार भी कारगर साबित होते हैं।

8) मधुमेह (Diabetes) का आयर्वेदिक इलाज क्या है?

आयुर्वेद में शुगर के लिए कई सारे उपचार बताये गए हैं। किसी विशेषज्ञ वैद्य से परामर्श लेकर आप इन उपायों को अपना सकते हैं। आइये जानते हैं कुछ उपचार 

  • बबूल का गोंद मधुमेह में लाभप्रद है। इसका तीन ग्राम चूर्ण दूध के साथ लेवें। दूध को मीठा न करें।

  • बेल की जड़ो के चूर्ण में बेल के पत्तो का रस मिला सुबह- शाम खाली पेट  खाएं।

  • अमलतास के गूदे को गर्म कर गोलियां बनाये और 2 गोली सुबह शाम खाएं।  

  • मेथी दाना (100 ग्राम), तेज पत्ता (100 ग्राम ),जामुन गुठली (150 ग्राम)  और बेल पत्र  (250 ग्राम) को पीस कर इनको मिक्स कर लेवें। एक एक चम्मच चूर्ण सुबह -शाम खाली पेट लें। दो से तीन महीने तक सेवन करें, लाभ होगा।

  • त्रिफला चूर्ण भी मधुमेह में फायदा करता है। त्रिफला में तीन फल हरड़ (100 ग्राम), बहेड़ा (200 ग्राम) और आँवला (300 ग्राम) के अनुपात में मिक्स कर लें। इसको गर्म पानी या दूध के साथ सेवन प्रतिदिन सेवन करें। 

मधुमेह (शुगर) में सबसे अधिक आवश्यक डॉक्टर से परामर्श, भोजन पर नियंत्रण और स्वस्थ दिनचर्या। आपको अगर इस बीमारी से सम्बंधित अन्य जानकारी चाहिए तो आप अपने निकटतम स्पेशलिस्ट डॉक्टर से परामर्श लेवें।  

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