कब्ज होने पर अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है, डॉक्टर्स गर्म पानी पीने की भी सलाह देते हैं।
कब्ज के रोगी को तरल पदार्थ व सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी इत्यादि खाने की सलाह दी जाती है।
कब्ज के दौरान कई बार सीने में भी जलन होने लगती हैं। ऐसे में एसीडिटी होने और कब्ज होने पर शक्कर और घी को मिलाकर खाली पेट खाना चाहिए।
हरी सब्जियों और फलों जैसे पपीता, अंगूर, गन्ना, अमरूद, टमाटर, चुकंदर, अंजीर फल, पालक का रस या कच्चा पालक, किश्मिश को पानी में भिगोकर खाने, रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है।
दरअसल, पानी और तरल पदार्थों की कमी कब्ज का मुख्य कारण है। तरल पदार्थों की कमी से मल आंतों में सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। जिससे कब्ज रोगी को खांसी परेशानी होने लगती है।
डॉक्टर्स कब्ज को दूर करने के लिए अकसर ईसबघोल की भूसी खाने की सलाह देते हैं। इसे रात को सोने से पहले गर्म दूध में या फिर पानी में घोल कर भी पिया जा सकता है।
खाने में हरे पत्तेदार सब्जियों के अलावा रेशेदार सब्जियों का सेवन खासतौर पर करना चाहिए। इससे शरीर में तरल पदार्थों में बढ़ोत्तरी होती है।
चिकनाई वाले पदार्थ भी कब्ज के दौरान लेना अच्छा रहता है।
गर्म पानी और गर्म दूध कब्ज दूर करते हैं। रात को गर्म दूध में केस्टनर यानी अरंडी का तेल डालकर पीना कब्ज को दूर करने में कारगार है।
नींबू को पानी में डालकर, दूध में घी डालकर, गर्म पानी में शहद डालकर पीने से कब्ज दूर होती है। सुबह-सुबह गर्म पानी पीने से भी कब्ज को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।
अलसी के बीज का पाउडर पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है
इस तरह के प्रभावी प्राकृतिक उपचार और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से कब्ज को स्थायी रूप से आसानी से दूर किया जा सकता है।
Comments