यूं तो ब्रेस्ट फीडिंग मां के लिए एक अद्भुत अहसास है, जिससे मां और बच्चे का रिश्ता मजबूत होता है। लेकिन यह सेहत के लिहाज से भी मां और नवजात दोनों के लिए फायदेमंद होता है। बेस्टफीडिंग से न केवल शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है बल्कि प्रेंग्नेसी के बाद मां के बढ़े हुए वजन को कम करने में भी मदद मिलती है। नवजात के जन्म के 6 महीने तक पोषण का एक मात्र साधन ब्रेस्ट फीडिंग होता है, लेकिन ध्यान रहें कि नवजात को भरपूर मात्रा में मिल्क मिल सकें।
शिशु के लिए मां का दूध किसी अमृत से कम नहीं होता। लेकिन कई महिलाओं को डिलीवरी के बाद ब्रेस्ट से दूध कम या बिल्कुल नहीं निकलता है, ऐसा हार्मोंस की कमी, सही पोषक तत्वों की कमी, बीमारी या गर्भनिरोधक गोलियों के लम्बे समय तक सेवन के कारण होता है। जिसके चलते वह अपने बच्चे को ब्रेस्ट फीड नहीं करा पाती हैं और उनके नवजात में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। अगर आप भी डिलीवरी के बाद अपने नवजात को कम मात्रा में दूध आने के अच्छे से ब्रेस्ट फीडिंग नहीं करा पा रही हैं तो परेशान न हो क्योंकि आज हम आपको एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा बताने जा रहे हैं जिसके सेवन से आप ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ा सकती है।
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