जिम जा रहे है तो ये ना करें
1. शुरुआत में ही भारी वजन न उठाएं। ऐसा करने से आपको नफा कम और नुकसान ज्यादा होगा। यह बात भी ध्यान रखें कि जहां भारी वजन उठाने से बॉडी का आकार बढ़ता है वहीं हल्का वजन मांसपेशियों को सही आकार में ढालने में मदद करता है।
2. यंगस्टर्स बॉडी बनाने की चाहत में स्टेरॉयड्स ले तो रहे हैं, लेकिन इनके नुकसान भी बहुत हैं। हालांकि बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रोटीन रिच डाइट लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन इसका फायदा वर्कआउट करने पर ही होता है। तभी प्रोटीन डाइट मसल्स में बदलती है, वरना इससे भी फैट डिपॉजिट होने लगता है। इसी के साथ बॉडी बनाने के लिए शॉर्टकट को भी ठीक नहीं माना जाता।
3. बॉडी बनाने को लेकर यंगस्टर्स इतने क्रेजी हैं कि इसके लिए वे सप्लिमेंट्स भी खूब लेते हैं। हालांकि वे इस बात से अनजान हैं कि इस तरह वे कई प्रॉब्लम्स को न्योता दे सकते हैं। इन सप्लिमेंट्स के इस्तेमाल से बॉडी तो बन जाती है, लेकिन साथ ही कई तरह की प्रॉब्लम्स भी होने लगती हैं। डॉक्टर्स और फिटनेस एक्सपर्ट्स की मानें, तो रेगुलर इन दवाइयों को लेने वाले यंगस्टर्स इन्फर्टीलिटी के भी शिकार हो सकते हैं। यही नहीं, इनके इस्तेमाल से किडनी फेलियर, हार्ट और लीवर से जुड़ी तमाम समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए सप्लिमेंट्स का इस्तमाल ना करें, बल्कि अपने आहार की मात्रा और क्वालिटी को सही रखें।
जिम जा रहे है तो ये जरूर करें
• चार्ट बनाएं
बॉडी बिल्डिंग के लिए समय चार्ट जरूर बनाएं। कितना टाइम जिम को दे और कितना आपनी बाकी दिनचर्या को, ये निर्धारित करें। ताकि जितना समय जिम में रहें उतना समय अपना पूरा ध्यान कसरत पर ही लगा सकें।
• डाइट पर ध्यान दे
बॉडी बिल्डिंग के शुरुआत में सबसे पहले डाइट पर ध्यान दे। अच्छे बॉडी बिल्डर को कसरत के हिसाब से ही प्रोटीन लेना चाहिए। लेकिन प्रोटीन उतना ही ले जितना आप पचा सके।
• पौष्टिक आहार लें
अगर आप मांसाहारी हैं और बॉडी बिल्डिंग करने का शौक रखते हैं तो अंडा, क्रैब मांस, मटन या भेड़ का मांस, मछली, ऑइस्टर/घोंघा जैसे आहार को अपने खाने में शामिल कर सकते हैं और बॉडी बना सकते हैं।
जिम का चुनाव करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें
• जिम का चुनाव करते समय इस बात को सबसे पहले जेहन में रखें कि वह आपकी लाइफ स्टाइल के अनुरूप हो, उसे प्रमोट करने वाला हो। जिम ऐसा न हो जो सिर्फ आपके लिए एक मेडिकल प्रोग्राम की ही भूमिका अदा करे।
• जिम में इस्तेमाल होने वाले बॉडी इक्विपमेंट भी ब्रांडेड तथा उच्च क्वालिटी के होने चाहिए। इस तरह के इक्विपमेंट द्वारा ही एक्सरसाइज का सही तकनीकी ढंग से विकास किया जा सकता है। सही मसल्स के डेवलपमेंट के लिए यह इक्विपमेंट सुरक्षित होने चाहिए ताकि इससे किसी प्रकार की दुर्घटना होने की आशंका न रहे।
• जिम ऐसा हो जो आप में मोटापा कम करने का आकर्षण जगाने के बजाय आपके शरीर के फैट के स्तर को संतुलित करें।
• पहली बार जिम ज्वाइन करने वालों के लिए जरूरी है कि वे जिम में ऐसी एक्सरसाइज रूटीन और न्यूट्रिशिनल गाइड लाइन्स अपनाएँ जो कि शॉटटर्म हों, जिन्हें आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार पूरा कर सकने में सफल हो सकें।
• जिम में ट्रेंड प्रोफेशनल्स के अलावा फिटनेस प्रोग्राम को साइंटिफिक एप्रोच से करवाने की सुविधा भी होनी चाहिए।
• जिम में फिटनेस प्रोग्राम को सही तरीके से गाइड करने के लिए प्रोफेशनल कंसल्टेंट्स, फिटनेस एक्सपर्ट्स, फिजियो थैरेपिस्ट्स, न्यूट्रिशनिस्ट्स आदि होने चाहिए। याद रखें हमारे शरीर की जरूरत मेडिकल हिस्ट्री और बॉडी डाइट के अनुसार ही एक्सपर्ट हमें गाइड करें तो बेहतर होता है।