इन 9 बीमारियों में रामबाण सिद्ध होता है अल्फाल्फा का उपयोग

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इन 9 बीमारियों में रामबाण सिद्ध होता है अल्फाल्फा का उपयोग
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अल्फाल्फा टॉनिक के फायदे
KayaWell Expert

आज के समय में बदलती हुई दिनचर्या, बदलते हुए खान-पान एवं बदलती हुई जीवन शैली के साथ-साथ कई सारी बीमारियाँ होना भी आम बात होने लगी है तो आइये आपको बताते है एक ऐसी रामबाण औषधि के बारे में जो आपको बीमारियों से बचाएगी तथा साथ ही अगर अप किसी बीमारी से ग्रसित है तो उससे उबरने में आपकी सहायता भी करेगी। ऐसी एक औषधि  का नाम है अल्फाल्फा


1) अल्फाल्फा क्या होता है?

अल्फाल्फा एक प्रकार का  पौधा है जिसका दूसरा नाम रिजका भी है और इसका वैज्ञानिक नाम मेडिकैगो सतीवा (Medicago sativa) है। सामान्य तौर पर यह सारी दुनिया में चारे के रूप में उगाया जाता है  लेकिन इसके औषधीय गुणों के कारण इसे दुनियाभर में बहुत सारी बीमारियों की दवाई के तौर पर उपयोग किया जाता है ।

2) अल्फाल्फा के पोषण तत्व

औषधीय गुणों से युक्त अल्फाल्फा में पोषक तत्त्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है जो स्वस्थ के लिए बहुत लाभकारी होते है ।

अल्फाल्फा में विटामिन के रूप में विटामिन C, विटामिन B6, विटामिन-ए RAE, विटामिन-ए IU, फोलेट, विटामिन-ई, विटामिन-के पाए जाते है ।

मिनरल्स के तौर पर अल्फाल्फा में कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, जिंक और सोडियम जैसे तत्त्व पाए जाते है ।

अल्फाल्फा में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, उर्जा, शुगर, फाइबर, पानी और टोटल लिपिड पाया जाता है। ये सब इसके महत्व को दर्शाते हैं ।

3) अल्फाल्फा के क्या फायदें हैं?

  • कैंसर से बचाव में मददगार

  • ह्रदय के लिए लाभकारी

  • शुगर (मधुमेह) में फायदेमंद

  • रक्त के थक्के बनने में नियंत्रण

  • आयरन की कमी को दूर करने में

  • त्वचा (स्किन) की चमक बढाने में 

  • थकान को कम करने में 

  • बालों के पोषण में 

  • कोलेस्ट्रोल में

  • पाचन सम्बन्धी समस्याओं में 

  • गुर्दे से सम्बंधित समस्याओं में  

4) अल्फाल्फा को कैसे उगाया जाता है?

अल्फाल्फा सामान्यतः चारे के रूप में उगाई जाती है और इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण दूध देने वाले पशुओं के चारे के रूप में उपयोग ली जाती है। यह वसंत और पतझड़ में बोई जाती है।

इसके उत्पादन के लिए ज़मीन का pH स्तर एक महत्वपूर्ण कारक है और 6.8-7.5 pH स्तर की जमीन में इसका उत्पादन किता जाता है ।

यह शीतल जलवायु का पौधा है एवं लम्बे समय तक उगता है । यह फलीदार पौधा होता ही जिसकी जड़ें अत्यंत गहरी करीब 15 मीटर तक  जाती है । इस पर बैंगनी रंग के फूल आते हैं और यह अमेरिका और भारत के उत्तर प्रदेश में बहुतायत से उगाया जाता है। 

5) इन 9 बीमारियों में अल्फाल्फा का महत्वपूर्ण उपयोग

वैसे तो अल्फाल्फा एक रामबाण औषधीय पौधा है लेकिन इन 9 बीमारियों में अल्फाल्फा एक विशेष औषधि के रूप में उपयोग की जा सकती है।


1. गुर्दे की पथरी से निजात पाने के लिए - अल्फाल्फा में पाए जाने वाले विटामिंस A, विटामिन B, विटामिन K, विटामिन C  पथरी को गला पाने  में सक्षम होते हैं इसलिए पथरी की समस्या में लगातार अंकुरित अल्फाल्फा का सेवन करने से इस समस्या से निजात पाया जा सकता है ।


2. हड्डियों की मजबूती बढ़ाने के लिए - अल्फाल्फा में विभिन्न तरह के विटामिन तथा कैल्शियम, मैग्नीशियम और लौह जैसे तत्त्व पाए जाते हैं  जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक होते हैं ।



3. गठिया रोग में करे उपचार - मांसपेशियों के दर्द में अल्फाल्फा का उपयोग बहुत असरकारक माना गया है । इसके बीजों से बनी हुई चाय पीने से इस रोग में बहुत रहत मिलती है। अल्फाल्फा टॉनिक में मौजूद खनिज तत्त्व मांसपेशियों के लिए फायदेमंद तथा असरकारक है।



4. मधुमेह के नियंत्रण में - अल्फाल्फा मधुमेह को नियंत्रित करने में बहुत कारक है । अल्फाल्फा की पत्तियों का पाउडर का सेवन करने से अथवा अर्क पीने से ब्लड शुगर का स्तर कम होता है तथा इन्सुलिन का स्राव बढ़ जाने से मधुमेह की बीमारी में फायदा मिलता है ।  



5. बालों के पोषण तथा गंजापन की समस्या में - अल्फाल्फा में विटामिन B1, B6 तथा विटामिन C, पाए जाते हैं जो बालों के पोषण में सहायक होते हैं तथा इसमें कैल्शियम तथा प्रोटीन जैसे तत्त्व पाए जाते हैं जो बालों को मजबूती प्रदान करते हैं और बालों का झड़ना रोकते हैं।

 

6. श्वसन सम्बन्धी समस्याओं में - अल्फाल्फा श्वसन सम्बन्धी रोगों में क्लोरोफिल वर्णक की उपस्थिति के कारन काफी कारगर साबित होता है जो स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखता है ।

 

7. कैंसर से बचाव करने में - अल्फाल्फा में केनाईनिन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है जो कैंसर होने से बचाव करने में मदद करता है। इस तत्त्व की मात्रा अंकुरित अल्फाल्फा में अधिक पाई जाती है। 



8. पाचन सम्बन्धी समस्याओं में - अल्फाल्फा में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन सम्बन्धी समस्याओं को दुरुस्त करता है तथा कब्ज़ को समाप्त करने का कार्य  करता है। इसमें बहुत से एन्जाइन्म पाए जाते हैं जो पाचन क्रिया को आसन बनाते हैं ।



9. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए - अल्फाल्फा का रोज़ सेवन आपके ह्रदय स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है । अल्फाल्फा में फाइबर पाया जाता है जो हृदय के लिए सेहतमंद होता है ।

6) अल्फाल्फा टॉनिक का उपयोग और फायदे क्या हैं?

अल्फाल्फा टॉनिक कई बीमारियों में लाभदायक उत्पाद है। अल्फाल्फा टॉनिक का उपयोग कैंसर, श्वास की समस्याओं, पथरी, त्वचा सम्बन्धी बीमारियों, बालों की देखभाल एवं गंजेपन से निजात पाने के लिए, मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए, पेट की बीमारीओं से बचने के लिए किया जाता है। होम्योपैथीक अल्फाल्फा टोनिक का उपयोग करते हुए मोटापा जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है साथ ही ये रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मददगार है ।

7) अल्फाल्फा के नुकसान क्या हो सकते हैं?

अल्फाल्फा एक औषधी है लेकिन औषधि का अधिक उपयोग भी हानिकारक हो सकता हिया साथ ही कुछ लोगों को इसका उपयोग करने में सावधानी बरतनी चाहिए -

·        अल्फाल्फा का अधिक उपयोग एलर्जी जैसी समस्या उत्पन्न कर सकता है जिससे चेहरे पर सूजन, शरीर पर दाने, शरीर पर  लाल निशान हो जाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

·         अल्फाल्फा शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित कर के कम करता है अतः मधुमेह से पीडित लोगों को इसका सेवन करते समय अपने रक्त-शर्करा स्तर की जांच करते रहना चाहिए ।

·       गर्भावस्था के समय तथा स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अल्फाल्फा एस्ट्रोजन में असंतुलन पैदा कर सकते है इससे गर्भावस्था में समस्यायें उत्पन्न हो सकती है ।

·         यह गर्भनिरोधक गोलियों के असर को भी कम करता है।

·         इसमें विटामिन के की उपस्थिति होती है जो खून का थक्का ज़माने में मदद करती है इसलिए जो लोग खून को पतला करने सम्बंधित दवाइयां ले रहे हैं उन्हें इसका उपयोग करने से बचना चाहिए । 

8) अल्फाल्फा को कैसे उपयोग करना चाहिए?

  • अल्फाल्फा का उपयोग चाय बना कर किया जा सकता है - इसके लिए  अल्फाल्फा की पत्तियों के पाउडर को पानी में उबाल कर इसकी चाय बने जा सकती है।

  • अंकुरित अल्फाल्फा का उपयोग सलाद के रूप में किया जा सकता है

इसके लिए अल्फाल्फा के बीजो को धोकर एक बाउल  में साफ़ पानी में 8-10 घंटे के लिए भिगो कर रख दे।

3-4 दिनों तक रोज़ पानी को बदलते रहें  इससे अल्फाल्फा अन्कुरित हो जायेंगे और सलाद के रूप में अथवा कच्चे ही खाने योग्य बन जायेंगे। 

आम तौर पर पशुओं के चारे के रूप में काम में लिया जाने वाला रिजका इतने सारे औषधीय गुणों से भरपूर है, ये शायद आपने पहले नहीं सोचा होगा। प्रकृति में मौजूद कई सारे ऐसे तत्व हैं जो अनोखे आयुर्वेदिक फायदों से भरपूर है।


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