क्यों जरूरी है पानी पीना
बच्चों के शरीर के निर्माण में मां के अंदरूनी अंगों की ढेर सारी ऊर्जा खप जाती है और इस दौरान उसके शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत पड़ती है क्योंकि पानी ब्लड सेल्स के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ-साथ बच्चे को पर्याप्त पोषण देने के लिए और गर्भ में उसके समुचित विकास के लिए भी पानी बहुत जरूरी होता है। कम पानी पीने से कई बार डिलिवरी के समय कई तरह की समस्याएं आती हैं जिसने गर्भवती को जूझना पड़ता है। इसके अलावा मां के स्तनों में दूध के विकास में भी पानी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसलिए कम पानी पीने से कई बार मां को पर्याप्त दूध नहीं बनता है।
इन कारणों से जरूरी है प्रेगनेंसी के दौरान पानी पीना
पानी कम पीने की वजह से डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है और इसका प्रभाव सिर्फ गर्भवती पर ही नहीं बल्कि उसके बच्चे पर भी पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को रोज कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना जरूरी है।
अगर आप पानी पीते-पीते ऊब गई हैं तो आप इसकी जगह अलग-अलग तरह के तरल पदार्थ पी सकती हैं जैसे दूध, जूस, छाछ आदि। ध्यान रखें लिक्विड डाइट का मतलब ये नहीं है कि आप सॉफ्ट ड्रिंक्स पियें। इस दौरान आपको सॉफ्ट ड्रिंक्स को अवॉयड करना चाहिए क्योंकि ये आपके शरीर और बच्चे के विकास दोनों के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदेह है।
पानी की कमी से गर्भवती को सिर में दर्द, हाथ-पैर में सूजन, मितली, चक्कर आना, पेट में मरोड़ उठना आदि कई परेशानियां हो सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का पेट खराब होना आम बात है क्योंकि इस दौरान उनकी पाचन क्षमता प्रभावित होती है। लेकिन अगर आप पर्याप्त पीती हैं तो आपको कब्ज और अपच जैसी समस्याएं कम होंगी और ज्यादा परेशान नहीं करेंगी।
कम पानी पीने वाली स्त्रियों में समय से पहले डिलिवरी होने की संभावना बढ़ जाती है और ये इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसमें बच्चों का संपूर्ण विकास नहीं हो पाता है।
गर्भावस्था के दौरान यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बहुत बढ़ जाता है। यूटीआई से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है जिससे शरीर में बनने वाले विषाक्त पदार्थ और हानिकारक बैक्टीरिया यूरिन के साथ शरीर से बाहर निकल जाएं।
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