सिंघाड़ा खाने के फायदे

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सिंघाड़ा खाने के फायदे
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KayaWell Expert

मौसमी फल हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। वैसे ही सर्दियों के दिनों में एक खास फल पाया जाता है जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह फल काफ़ी पौष्टिक तत्वों और विटामिन से भरपूर होता है। त्रिकोण आकर का यह फल स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है। हम बात कर रहे हैं सिंघाड़ा की जिसे इंग्लिश में वाटर चेस्टनट (water chestnut) कहा जाता है। यह सितम्बर और अक्टूबर के महीने में पाया जाता है। सिंघाड़ा एक जलीय पौधे का फल है, जो भारत में पाया जाता है। इसकी टैंक, झीलों, तालाबों, नदी आदि में की खेती की जाती है। यह काले और हारे रंग में बाजार में मिलता है। इसका आटा भी बाजार में मिलता है। इसका आटा बनाने के लिए सबसे पहले इसके बीज को सूखाया जाता है।


मौसमी फल हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। वैसे ही सर्दियों के दिनों में एक खास फल पाया जाता है जो हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह फल काफ़ी पौष्टिक तत्वों और विटामिन से भरपूर होता है। त्रिकोण आकर का यह फल स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है। हम बात कर रहे हैं सिंघाड़ा की जिसे इंग्लिश में वाटर चेस्टनट (water chestnut) कहा जाता है। यह सितम्बर और अक्टूबर के महीने में पाया जाता है। सिंघाड़ा एक जलीय पौधे का फल है, जो भारत में पाया जाता है। इसकी टैंक, झीलों, तालाबों, नदी आदि में की खेती की जाती है। यह काले और हारे रंग में बाजार में मिलता है। इसका आटा भी बाजार में मिलता है। इसका आटा बनाने के लिए सबसे पहले इसके बीज को सूखाया जाता है।


सिंघाड़ा का सेवन आप की पाचन शक्ति पर निर्भर करता है पर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए आप प्रतिदिन 20-50 ग्राम खा सकते हैं।

गले-के-लिए

सिंघाड़ा गले की कई समस्याओं में राहत पहुंचाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो गले का बैठना, गले की खराश, गले के टांसिल आदि से निजात दिलाने में हमारी मदद करता है। इसके फल के सेवन करने से ज़्यादा अच्छा होगा यदि आप सिंघाड़ा आटा को दूध में मिलाकर सेवन करें तो आपको गले की समस्याओं से जल्द निजात मिल जाएगा।


गर्भवती-महिलाओं-के-लिए

(leucorrhea) नामक बीमारी भी ठीक हो जाती है। इसके अतिरिक्त जिन महिलाओं का गर्भ गर्भकाल पूरा होने से पहले ही गिर जाता है, उन्हें भी खूब सिंघाड़े का सेवन करना चाहिए। इसके उपयोग से भूर्ण को पोषण मिलता है और माँ की सेहत भी अच्छी रहती है। सिंघाड़े के सेवन से गर्भ पात नही होता है।


सिंघाड़ा का आटा थायराइड के लिए 

सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है। इसलिए इसे व्रत और उपवास के खाने में अलग अलग तरह से शामिल किया जाता है। इसमे आयोडीन (iodine) भी मौजूद होता है जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है। इस का उपयोग थाइरोइड ग्रंथि को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए भी प्रेरित करता है और थायराइड जैसी समस्या को दूर रखता है।


पेट-की-समस्या-में

आपको शायद इस बारे में जानकारी ना हो लेकिन एड़ियां फटने की शिकायत शरीर मे मैंगनीज की कमी के कारण होती है। सिंघाड़ा एक ऐसा फल है जिसके पोषक तत्व मे मैंगनीज पाया जाता है। इसलिए इस फल के सेवन से एड़ियां फटने की समस्या नहीं होती है। साथ ही वाटर चेस्टनट के सेवन से शरीर में रक्त की कमी भी पूरी होती है।

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