उड़द दाल के फायदे और नुकसान

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उड़द एक दलहन होता है। उड़द दाल सफेद और काली होती है और यह साउथ एशिया में सबसे ज्‍यादा पैदा होती है। उड़द की दाल एक अत्यंत बलवर्द्धक, पौष्टिक व सभी दालों में पोषक होती है। इसकी छिलके वाली दाल ज्यादा पौष्टिक होती है। कमजोर पाचन वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द का प्रयोग तमाम व्‍यंजन बनाने के काम आता है जैसे, डोसा, पापड़, वड़ा, लड्डू और दाल आदि। जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। 

उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन, कैल्‍शियम, घुलनशील रेशा और स्‍टार्च पाया जाता है। उड़द वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। यह वात, अर्श का नाश करती है। यह स्निग्ध, विपाक में मधुर, बलवर्द्धक और रुचिकारी होती है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। धुली हुई दाल प्रायः पेट में आफरा कर देती है। छिलकों वाली दाल में यह दुर्गुण नहीं होता। गरम मसालों सहित छिलके वाली दाल ज्यादा गुणकारी होती है। आइये जानते हैं कि उड़द दाल हमारे स्‍वास्‍थ्‍य को किस तरह से लाभ पहुंचाती है।

1. ऊर्जा-
इसमें बहुत सारा आयरन होता है, जिसे खाने से शरीर को बल मिलता है। यह उन महिलाओं के लिये उपयुक्‍त है जिन्‍हें भारी महावारी होती है, क्‍योंकि उनके अंदर आयरन की कमी हो जाती है। इसमें रेड मीट के मुकाबले कई गुना आयरन होता है और न हाई कैलोरी होती है और न ही फैट होता है। 
 2. प्रोटीन-
वैसे तो हर दाल में भारी प्रोटीन होता है। वे लोग जो पैसे की कमी की वजह से मीट मछली नहीं खा पाते उनके लिये यह एक सस्‍ता आहार माना जाता है। शरीर के पूरे विकास और मासपेशियों की मजबूती के लिये प्रोटीन बहुत जरुरी है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
3. पाचनशक्‍ति बढाए-
जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है। इसमें बहुत सारे घुलनशील रेशे होते हैं जो कि पचने में आसान होते हैं।
4. हृदय स्‍वास्‍थ्‍य-
कोलेस्‍ट्रॉल घटाने के अलावा भी काली उड़द स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक होती है। यह मैगनीशियम और फोलेट लेवल को बढा कर धमनियों को ब्‍लॉक होने से बचाती है। मैगनीशियम, दिल का स्‍वास्‍थ्‍य बढाती है क्‍योंकि यह ब्‍लड सर्कुलेशन को बढावा देती है। 
5. पौरुष शक्‍ति बढाए-
अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्‍ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं।
6. सुंदरता निखारे-
चेहरे पर झाइयां और मुंहासों के दाग को उड़द दाल के फेस पैक से साफ किया जाता है। इससे चेहरे में निखार आता है और चेहरा चमकदार बन जाता है।
उड़द की दाल के सेवन से किसी व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की वृद्धि हो सकती है.
गुर्दे की पथरी और पित्त की पथरी से पीड़ित मरीज इसका सेवन ना करें.
किसी भी तरह की समस्या होने पर चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें.
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