हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम
पीपल की 15 ताजी हरी पत्तियां एक गिलास पानी में अच्छी तरह से उबालें। पानी को तब तक उबालें जब तक वह 1/3 शेष रह जाए। अब उसे ठंडा करके छान लें। अब इस काढ़े की तीन खुराक बना लें। सुबह हर 3 घंटे के बाद लें। ऐसा करने से हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम हो जाता है।
दांतों के लिए
दांतों की मजबूती और सफेदी के लिए इसके तने से बनी दातून का प्रयोग किया जाता है। पीपल की दातून से दांतों का दर्द दूर होता है। 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गए मंजन का प्रयोग करने से भी दांतों की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
दमा में असरदार
दमा रोगियों के लिए पीपल का पेड़ एक दवा का काम करता है। इसके प्रयोग के लिए पीपल के तने की छाल के अंदर के हिस्से को निकाल कर सुखा लें। इसके सूखने के बाद इसका बारीक चूर्ण बना लें और दमा से ग्रसित रोगी को यह चूर्ण पानी के साथ दें।
खांसी जुकाम दूर करे
बदलते मौसम की वजह से होने वाली सर्दी, खांसी और जुकाम दूर करने में भी पीपल के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। इसके प्रयोग के लिए पीपल के 5 पत्तों को दूध के साथ अच्छी तरह से उबाल लें, अब इसमें चीनी डालकर सुबह-शाम पिएं। आराम मिलेगा।
पीलिया में आराम
पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पीने से पीलिया में आराम मिलता है
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