पाचन
हींग का उपयोग पुराने समय से पेट के रोगों के लिए किया जाता रहा है। इसके तत्व पेट के गैस , पेट के कीड़े , पेट फूलना आदि में लाभदायक होते है। पेटदर्द व गैस होने पर हींग , अजवायन , और काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी से लेने से तुरंत आराम मिलता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर गुनगुने पानी में हीग घोलकर नाभि के आसपास लगाने से पेट की गैस निकल जाती है और पेटदर्द ठीक हो जाता है। हींग , अजवाइन , छोटी हरड़ और सेंधा नमक चारों बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। दिन में तीन बार आधा चम्मच गर्म पानी से फंकी लेने से अपच ( Indigestion ) ठीक होती है। भूख खुल जाती है। पेट का फूलना और भारीपन समाप्त साफ हो जाता है।
दर्द निवारक
हींग दर्द कम करने में मददगार होती है। विशेषकर महिलाओं को माहवारी के समय होने वाले दर्द में इससे बहुत आराम मिलता है। इसके अलावा दांत का दर्द , माइग्रेन या अन्य सिरदर्द में भी इससे आराम मिल सकता है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चुटकी हीग मिलाकर उबाल लें। इसे गुनगुना पीने से लाभ होता है। दांत में दर्द हो तो हीग को नीबू के रस में मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसे दांत पर लगाने से दर्द कम होता है। जोड़ों में दर्द होने पर एक गिलास पानी में मूंग के बराबर हीग डालकर उबाल लें। जब हींग पूरी तरह घुल जाये तो गुनगुना पिए। कुछ दिन नियमित इस प्रयोग से दर्द जॉइंट पेन तथा सूजन आदि में आराम मिलता है।
कफ
हींग का उपयोग छाती में जमा कफ निकलने में सहायक होता है। इसके लिए हीग के साथ शहद और अदरक का उपयोग बहुत फायदा करता है। इसके उपयोग से कुकर खाँसी भी ठीक होती है।
डायबिटीज
हींग के तत्व रक्त में शक्कर की मात्रा कम करने में सहायक होता है। यह पेंक्रियास को अधिक इन्सुलिन का स्राव करने में मदद करता है।
ह्रदय रोग
हीग में पाया जाने वाला क्यूमेरिन नामक तत्व में खून को पतला करने का गुण होता है। । इससे खून का थक्का नहीं बनता। यह रक्त में कोलेस्ट्रॉल व ट्राई ग्लिसराइड को कम करती है। इस प्रकार इसके उपयोग से ह्रदय रोग से बचाव होता है।
यौन समस्या
पुरुषों में होने वाली यौन सम्बन्धी समस्या जैसे नपुंसकता , शीघ्रपतन , शुक्राणु में कमी आदि में हींग लाभदायक हो सकती है। खाने में इसका नियमित उपयोग यौन समस्या से दूर रखता है। एक गिलास गर्म पानी में हीग मिलाकर पीने से यौन शक्ति में इजाफा होता है। इससे पुरुष और महिला के यौन अंगों में खून का दौरा बढ़ जाता है और यौन सम्बन्ध में रुचि बढ़ जाती है।
कैंसर
हिंग में पाए जाने वाले ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट के कारण फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से बचाव होता है और इस प्रकार कैंसर होने की संभावना कम होती है अतः हिंग का नियमित उपयोग करना चाहिए।
कीड़े का काटना
मकड़ी या किसी कीड़े के काटने या डंक मारने पर पके केले के टुकड़े के साथ चुटकी भर हिंग निगलने से दर्द और सूजन में आराम आता है। मधुमक्खी डंक मार दे तो हिंग को पानी में घिस पर गाढ़ा पेस्ट बना कर लगाने से आराम मिलता है।
हिचकी
पुराने गुड़ के साथ हिंग खाने से हिचकी बंद होती है।
फोड़ा फुंसी
नीम की कोमल पत्ती और हिंग को साथ में पीस कर लगाने से फोड़े , फुंसी , मुँहासे आदि ठीक हो जाते है। इससे दाद भी मिटते है।
जलने पर
हिंग को पानी में घोलकर जले हुए स्थान पर लगाने से जलन में आराम आता है तथा फफोला नहीं पड़ता।
अचार ख़राब होने से बचाने के लिए
अचार लंबे समय तक रखने के लिए बनाया जाता है। हिंग में एंटीफंगल गुण होते है। अतः अचार को फफूंदी से बचाने के लिए अचार भरे जाने वाले कंटेनर में हिंग का धुआं कर लेना चाहिए फिर अचार भरना चाहिए। इससे अचार ख़राब नहीं होता। इसके अलावा अचार में हिंग डालने से अचार का स्वाद बढ़ जाता है।
Comments