बेर का स्वाद खट्टा तथा मीठा होता हैं. अधिक मीठे बेरों में गुणों की संख्या भी अधिक होती हैं. मीठे बेर को खाने से शरीर की ताकत में वृद्धि होती हैं, रक्त शुद्ध होता हैं तथा प्यास बुझती हैं. खट्टे बेरों को खाने से खांसी होती हैं. पके हुए बेरों को खाने से बहुत सी बिमारियां ठीक हो जाती हैं. जैसे – अतिसार, रक्तदोष, श्रम तथा शोष आदि. पके बेर मधुर, उष्ण, कफ नाशक, पाचक तथा रुचिकर होता हैं. बेर की तासीर ठंडी होती हैं. इसलिए यह पित्त को नष्ट करने के लिए उपयोगी होता हैं.
बेर में फास्फोरस की कुछ मात्रा विद्यमान होती हैं. इसलिए इसे खाने से शरीर और दिमाग मजबूत होता हैं. बेर का सेवन करने से बाल तथा शरीर की हड्डियाँ भी मजबूत होती हैं. बेर को खाने से व्यक्ति की भूख बढती हैं. इसे खाने से मर्दाना ताकत भी बढती हैं, आँखों की रौशनी के लिए भी यह बहुत ही उपयोगी होता हैं. बेर का इस्तेमाल करने से पाचन तंत्र के आंत के कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं. खून के दस्तों से राहत पाने के लिए भी यह बेहद उपयोगी होता हैं. इसे खाने से वमन की शिकायत भी दूर हो जाती हैं. यदि बेर के पेड़ के पत्तों को गिलटी पर लगाया जाये तो गिलटी कुछ ही समय में पक जाती हैं और व्यक्ति को गिलटी के रोग से छुटकारा मिल जाता हैं.
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