Health Benefit of Aloe Vera

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एलोविरा देखने में यह अवश्य अजीब सा पौधा है लेकिन इसके गुणों का कहीं कोई अंत नहीं है। यह जहां बवासीर, डायबिटीज, गर्भाशय के रोग, पेट की खराबी, जोड़ों का दर्द, त्वचा की खराबी, मुंहासे, रूखी त्वचा, धूप से झुलसी त्वचा, झुर्रियों, चेहरे के दाग-धब्बों, आंखों के काले घेरों, फटी एड़‍ियों के लिए यह लाभप्रद है वहीं दूसरी तरफ यह खून की कमी को दूर करता है तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

भारत में ग्वारपाठा या घृतकुमारी हरी सब्जी के नाम से प्राचीनकाल से जाना जाने वाला कांटेदार पत्तियों वाला पौधा है, जिसमें रोग निवारण के गुण कूट-कूट कर भरे पड़े हैं। आयुर्वेद में इसे घृतकुमारी की 'उपाधि' मिली हुई है तथा महाराजा का स्थान दिया गया है। औषधि की दुनिया में इसे संजीवनी भी कहा जाता है। इसकी 200 जातियां होती हैं, परंतु प्रथम 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी हैं।

•पाचन क्रिया में सहायक – आपने हमेशा पेट में गैस बनना और खाने के न पचने की समस्यां के बारे में तो सुना ही होगा। हमारे शरीर में पेट संबंधी कोई भी बीमारी हो तो आप 20 ग्राम एलोवेरा के रस में शहद और नींबू मिलाकर सेवन करें। यह पेट की बीमारी को दूर तो करता ही है। साथ ही साथ पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।
•कब्ज़ की समस्यां – यह समस्यां हमें अक्सर सुनने को मिलती है। यह समस्यां किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। इस रोग को दूर करने के लिए एलोवेरा के रस का सेवन करने से बहुत ज्यादा फायदा होता है। छोटे बच्चों में कब्ज के लिए जूस व हींग मिलाकर नाभि के चारों ओर लगा दें, इससे लाभ मिलेगा। इसके अलावा यकृत मे बड़ रही सूजन में इसके गुदे का सेवन सुबह-शाम करने से यकृत की कार्यक्षमता बढती है। इससे पीलिया रोग भी दूर होता है।
•इम्युनी सिस्टम (रोग प्रतिरोधक प्रणाली) – एलोवेरा पौधे के रस में रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक तत्व मौजूद होतें हैं। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे शरीर में चुस्ती व स्फूर्ति बनी रहती है।
•ह्रदय रोग और मोटापा – आज की सबसे जटिल समस्यां हमारे शरीर में बढ़ता मोटापा है। जो ह्रदय रोग होने का मुख्य कारण बनती है। मोटापे से शरीर में तेजी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है और रक्तवाहिनियों में वसा का जमाव होता है। ऐसी स्थिति में एलोवेरा का रस बेहद फायदेमंद होता है। एलोवेरा जूस रोजाना 20मिली-30मिली की मात्रा में पीने से शरीर में अन्दर से भरपूर तन्दुरूस्ती तथा ताजगी का अहसास होता है तथा ऊर्जा का उच्च स्तर बना रहता है। इससे वजन भी शरीर के अनुकूल रहता है।
•मुंह की सफाई – जख्म घाव जलन जैसी कोई भी समस्यां हो या फिर मुंह पर पड़ रहे छालों को दूर करना। इन सभी समस्यांओं में एलोवेरा का इस्तेमाल करना चाहिए।
•जख्म या घाव – शरीर में किसी भी प्रकार का जख्म या घाव हो जाने पर एलोवेरा के गुदे को क्रीम की तरह लगानी चाहिए। इसके पत्तों के गूदे में जरा-सी पीसी हल्दी मिलाकर इस पेस्ट को एक पट्टी पर लगा लें और गांठ, फोड़े पर रखकर पट्टी बांध दे। फोड़ा पक कर स्वतः फुट जाएगा और मवाद निकल जाएगा।
•एंटी सेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल – इसमें कोई शक नही कि एलोवेरा दुनिया का सबसें बढि़या एंटीबाईटीक और एंटीसेप्टिक गुण वाला होता है। जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा हमारे शरीर को लगभग 21 अमीनोएसिड की जरूरत होती है। जिसमें एलोवेरा से 18 अमीनोएसिड की मात्रा को पूरा करता है। इन गुणों से भरपूर एलोवेरा में सेपोनिन नामक तत्व होता है। जो शरीर की अंदरूनी सफाई करता है तथा रोगाणु रहित रखने का गुण रखता है। इसके अलावा खतरनाक बीमारियों से निजात भी दिलाता है। यह एड्स जैसी बीमारी में भी खास साबित होता है।
•कोलेस्ट्रॉल का स्तर बनाए रखने में सहायक – हमारे शरीर में मोटापा होने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ता है। इसी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में एलोवेरा सबसे महत्वपूर्ण रूप से काम करता है।
•मधुमेह से लड़ने में – यदि आप डायबिटीज की समस्यां से परेशान हैं तो 10 ग्राम एलोवेरा के रस में 10 ग्राम करेले का रस मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से डायबिटीज से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही 20 ग्राम आंवले के रस में 10 ग्राम एलोवेरा के गूदे को मिलाकर प्रतिदिन सुबह सेवन करें। यह शूगर की बीमारी को दूर करेगा।
•सर्दी खांसी में – बच्चों में हो रही सर्दी, जुकाम या खांसी पर 5 ग्राम एलोवेरा के ताजे रस में शहद मिलाकर सेवन कराएं। इससे बच्चों को फायदा होगा। एलोवेरा के गूदे का सेवन रोज करने से शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है।
एलोवेरा जेल को इस्तेमाल करना सुरक्षित माना जाता है, लेकिन लेटेक्स से निकाले जाने वाले अप्रसारित रस का सेवन करने से कई साइड इफेक्ट्स पैदा हो सकते हैं, जैसे कि:
1. एलोवेरा रस में एन्थ्राक्विनोन नामक एक पदार्थ होता है, जो रेचक होता है और बड़ी मात्रा मंन डायरिया पैदा कर सकता है।
2. एलोवेरा में मौजूद लेटेक्स कोलाइटिस, क्रोहन रोग, एपेंडीसिटीस, डायवर्टिकुलोसिस, आंतों की बाधा, रक्त स्राव, पेट दर्द और अल्सर जैसी समस्याएं का कारण बन सकता ह ।
3. एलोवेरा का रस पीने से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जैसे कि त्वचा के दाने या पित्ती, खुजली या सूजी हुई त्वचा, साँस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द और गले में जलन।
4. गर्भ और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अल्युवेरा जूस लेना सक्त मना है। यह गर्भवती महिलाओं में गर्भाशय के संकुचन को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे गर्भपात और जन्म दोष हो सकते हैं।
5. एलोवेरा के रस से शरीर को अत्यधिक मात्रा में एड्रेनालाईन उत्पन्न हो सकता है, जो दिल की स्थिति से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है।
6. लंबे समय तक की अवधि के लिए अतिरिक्त खपत स्यूडोममेलाइसोस कोली का कारण हो सकता है। यह कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ा देता है।
7. एलोवेरा रस की अधिक मात्रा में लेने से श्रोणि में रक्त का निर्माण हो सकता है, जिससे आपके गुर्दे को नुकसान हो सकता है।

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