1) पुरानी खांसी- आमतौर पर खांसी दो से तीन हफ्ते तक होती है। लेकिन अगर किसी को लंबे समय से खांसी है और सीने में दर्द रहता है, तो मामला गंभीर है।
2) खांसी में खून- लंग कैंसर से पीड़ित कुछ मरीजों को बलगम के साथ खून भी आ सकता है।
3) सांस लेने में कठिनाई- कम सांस आना या सांस लेते समय घरघराहट महसूस होना और सीने में दर्द होना भी इस रोग के लक्षण हैं।
4) चेहरे और आवाज में बदलाव- इसके रोगी की आवाज में भारीपन आ जाता है और सांस लेते समय आवाज आती है। इसके अलावा चेहरे, कंधे और गर्दन पर सूजन हो सकती है।
5) रिकरिंग इन्फेक्शन- लंग कैंसर से पीड़ित लोगों को ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन प्रणाली में संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा ऐसे लोगों को निमोनिया होना भी आम बात है। अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से अस्थमा है और उसे पीलिया, दौरे आना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो ये लंग कैंसर के लक्षण होते हैं।
6) हड्डियों में दर्द- कैंसर के बढ़ने से जोड़ों, पीठ, कमर और शरीर के अन्य भागों में दर्द होना आम है। कई मामलों में हड्डी में फ्रैक्चर भी हो सकता है।
7) न्यूरोलॉजीकल लक्षण- कैंसर सेल्स का नर्वस सिस्टम की और जाने से न्यूरोलॉजीकल फंक्शन में बदलाव आ सकता है। इससे सिरदर्द, चक्कर आना, दौरे आना और पैर व कंधे में अकड़न हो सकती है।
8) शरीर में सूजन- बीमारी के बाद के लक्षणों में लिम्फ नोड्स में कैंसर के फैलने से गर्दन के हिस्से और कॉलर बोन के ऊपर और चेहरे पर गांठ हो जाती है।
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