आइये जानते हैं क्या होती है अफ़ीम और औषधीय रूप में अफ़ीम के आयुर्वेदिक फायदे -
क्या होती है अफीम
अफ़ीम जिसे अंग्रेजी में ऑपियम कहा जाता है और वैज्ञानिक नाम ‘लाचरायमा पेपावेरीस (lachryma papaveris)’ है। इसके पौधे के दूध को सुखाकर बनाया गया पदार्थ अफ़ीम कहलाता है। इसकी खेती सामान्य रूप से नहीं होती, बल्कि सरकारी अनुमति यानी कि लाइसेंस लेना पड़ता है।
अफीम के बीज का उपयोग
अफीम के पौधे से निकलने वाले बीज पॉपी सीड्स के नाम से जाने जाते हैं। इन बीजों को प्रचलित नाम खसखस के नाम से भी जाना जाता है, जो शक्तिशाली औषधीय गुणों से भरपूर है। अफीम के बीज में कोडीन, मोर्फिन, थेबेन जैसे कई अन्य तत्व पाए जाते हैं जो दर्द निवारक के रूप में कार्य करते हैं।
अफीम का आयुर्वेदिक उपयोग
आयुर्वेद के अनुसार अफीम एक गरम प्रकृति का फल है, जो स्वाद में कड़वा और मादक प्रभाव से युक्त है। अफीम का आयुर्वेद में कई तरह से उपयोग किया जाता है। अफीम युक्त आयुर्वेदिक दवा के रूप में कई सारी औषधियां बनाई जाती हैं।
अफीम कफ-वात से जुड़े रोगों में राहत देती है लेकिन पित्त में वृद्धि कर सकती है।
दर्द निवारक और अनिद्रा की समस्या में औषधि के रूप में निश्चित मात्र में सेवन किया जाता है।
इसमें ओलिक एसिड पाया जाता है, जो बालों से जुड़ी समस्या में अन्य औषधियों के साथ मिलाकर लगाया जाता है।
दस्त में अफीम का उपयोग - अफीम को केसर के साथ समभाग में मिलाकर एक रत्ती मात्रा की गोली लेने से लाभ होता है।
अपच की समस्या में - अगर भोजन नहीं पच रहा हो तो आग में नारियल को पकाएं जिसमें दो रत्ती अफीम पकाने से पहले रख लें और इसका सेवन करें।
फेफड़ो के रोगों, कफ़ और खांसी जैसी समस्या में - आयुर्वेदिक औषधियों में अफीम को कई अन्य औषधियों के साथ मिलाकर लिया जाता है। अफीम श्वांस नलिका के अवरोध को ख़त्म करता है। हालाँकि इसका उपयोग विशेषज्ञ आयुर्वेदाचार्य के निर्देश से ही किया जाना चाहिए।
मस्तिष्क दुर्बलता, डिप्रेसन, अनिद्रा आदि समस्याओं में अफीम को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
प्रसव के बाद गर्भाशय की पीड़ा मिटाने के लिए अफीम के डोडों को उबालकर पिलाना चाहिए।
अफीम के 60 ग्राम डोडों का काढ़ा बनायें अब इसमें 150 ग्राम मिश्री डालकर शरबत के जैसे बना लेवें। इसका 30 ग्राम दिन में दो बार लेने से खांसी और जुकाम में शीघ्र ही आराम मिलता है।
सूजन रोधी के रूप में - अफीम किसी भी प्रकार के सूजन को मिटाने में बहुत कारगर औषधि है। सूजन के कारण रक्त नलिकाओं का आकार बढ़ जाता है, ऐसे में अफीम के सेवन से इनकी प्रसार क्षमता रुक जाती है। आतों की सूजन में शिलाजीत के साथ, अंडकोष की सूजन में निर्गुन्डी के साथ इसका सेवन करना चाहिए।
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अफीम के फायदे
आयुर्वेद में अफीम को कुछ अन्य औषधियों के साथ संयोजन करने से कई बीमारियों में लाभ लिया जा सकता है। कुछ लोग अफीम का प्रतिदिन नशे के रूप में सेवन करते हैं, जो एक आदत बन जाती है और अफीम के सेवन से नुकसान भी हो सकता है।
अतिसार(दस्त), सिरदर्द, सभी प्रकार के दर्द, मस्तिष्क से जुड़े रोगों में, बालों के लिए आदि कई प्रकार के रोगों में अफीम का उपयोग किया जाता है।
अफ़ीम को आयुर्वेद के अनुसार निश्चित विधि और विशेषज्ञ के निर्देशन में लिया जाए तो कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक फायदे अफीम देती है।
सिर दर्द में कैसे करें उपयोग
सिर दर्द में अफीम का उपयोग करने के लिए दो लौंग और एक ग्राम अफीम मिलाकर इसका सिर पर लेप करें। दर्द निवारक के रूप में अफीम एक बेहतरीन औषधि के रूप में कार्य करती है।
क्या अफीम अतिसार में फायदेमंद है
अतिसार यानि दस्त, में अगर कोई दवाई फायदा नहीं कर रही हो तो एक रत्ती भर अफीम की गोली बनाकर पानी के साथ ले लें। इससे नींद भी आती है और दस्त की समस्या दूर हो जाती है।
चार से सात ग्राम अफीम को पीसकर पिलायें, अतिसार में लाभ होगा।
अफीम से कौन कौन सी दवाई बनती है
अफीम से बनने वाली दवाइयां अधिकतर पेनकिलर के रूप में काम आती है। मोर्फिन जो एक प्रसिद्ध पेनकिलर है, इसमें भी अफीम का उपयोग होता है। बेहोशी के दवा के रूप में भी और मादक पदार्थ के रूप में भी मोर्फिन का सेवन किया जाता है।
अफीम को एसीटिक एसिड के साथ मिलाकर हेरोइन का निर्माण किया जाता है, जो एक अवैध दवा है और भारी मात्रा में अवैध नशे के कारोबार के रूप में काम आती है।
आयुर्वेद में अफीम का क्या उपयोग है एवं इसके गुण क्या हैं
कई आयुर्वेदिक फोर्मुलों में और पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथो में भी अफीम को अन्य औषधियों के साथ निश्चित अनुपात में मिश्रित करने पर दवाइयां और उपचार तैयार किये जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में अफीम को घरेलु औषधि के रूप में भी कई सारे रोगों में प्रयोग लिया जाता है।
दर्द निवारण, सूजन रोधी, बालों के लिए, मस्तिष्क दौर्बल्य आदि कई रोगों में इसका विशेष उपयोग है। कई सारी अंग्रेजी दवाइयों में भी इसका उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार इसके औषधीय उपयोग और गुणों की चर्चा हम ऊपर कर चुके हैं। पाठकों से अनुरोध है कि अफीम एक तीव्र प्रभाव वाली औषधि है, जिसका गलत तरीके से सेवन हानि पंहुचा सकता है। इसलिए किसी भी नुस्खे को आजमाने से पूर्व किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह अवश्य लेवें।
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अफीम के शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव क्या हैं
अफीम का मादक प्रभाव होने के कारण इसके नशे की लत लग सकती है। अगर आप लम्बे समय से इसका सेवन कर रहे हैं तो इससे शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जिन क्षेत्रों में अफीम की खेती होती है, वहां मेहमान नवाजी के लिए अफीम की मनुहार की जाती है, नशे के कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। आइए जानते हैं अफीम खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं-
सांस लेने में तकलीफ़
आँखों दृष्टि कमजोर होना, धुंधलापन
ठंडा पसीना, कंपकपी छूटना, चक्कर आना
लगातार सिरदर्द
जी मिचलाना, बैचेनी, बैठकर उठने पर चक्कर आना
डिप्रेशन, मन न लगना
ब्लड प्रेशर में अनियंत्रित गिरावट या बढ़ोतरी
अफीम अगर निश्चित मात्रा में औषधीय रूप में प्रयोग की जाए तो कई प्रकार के रोगों में लाभ प्रद हो सकती है, लेकिन इसकी आदत लग जाए तो आपको ड्रग एडिक्ट भी बना सकती है। अफीम से जुड़े उपचारों को करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लें या इसका कोई दुष्प्रभाव अगर दिख रहा है तो तुरंत अपने निकटतम डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।
निष्कर्ष
अफीम एक शक्तिशाली औषधि है जिसके कई औषधीय गुण हैं। यह दर्द, खांसी, दस्त और अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हो सकती है।
हालांकि, अफीम का नशे की लत लगने का खतरा भी होता है। इसका गलत तरीके से सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, दृष्टि कमजोर होना, और ब्लड प्रेशर में अनियंत्रित गिरावट या बढ़ोतरी।
इसलिए, अफीम का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह और निगरानी में ही किया जाना चाहिए।
यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए:
अफीम का सेवन केवल डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार ही करें।
अफीम की निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन न करें।
अफीम का सेवन करते समय शराब या अन्य मादक पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आपको अफीम के दुष्प्रभाव दिखाई दें, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
अफीम एक उपयोगी औषधि हो सकती है, लेकिन इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।
FAQs
1. ज्यादा अफीम लेने से क्या होता है?
अफीम का सेवन करने से पहले, डॉक्टर से बात करना महत्वपूर्ण है। अफीम के दुरुपयोग से कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें शामिल हैं| लत,ओवरडोज,मृत्यु| ज्यादा अफीम लेने से मृत्यु हो सकती है। इसके नशे से छुटकारा पाने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं।
2. अफीम से कौन सी दवाई बनाई जाती है?
अफीम से अनेक दवाएं बनाई जाती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं मॉर्फिन, कोडीन, हाइड्रोकोडोन, ऑक्सीकोडोन। इसका उपयोग तीव्र दर्द, खांसी, सर्जरी, कैंसर के दर्द, के इलाज के लिए किया जाता है। इन दवाओं का उपयोग केवल डॉक्टर के निर्देशानुसार ही किया जाना चाहिए।
3. अफीम शरीर के लिए कितना हानिकारक है?
यह दवा नारकोटिक्स नामक दवाओं के समूह से संबंधित है। जब किसी नशीले पदार्थ का उपयोग लंबे समय तक किया जाता है, तो यह आदत बन सकता है, जिससे मानसिक या शारीरिक निर्भरता हो सकती है। यदि उपचार अचानक बंद कर दिया जाए तो शारीरिक निर्भरता के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
4. क्या अफीम अच्छी होती है?
नहीं, अफीम अच्छी नहीं होती है। यह एक मादक पदार्थ है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अफीम का सेवन करने से लत लग सकती है, जिससे व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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