लक्षण:- 1. सिर के आधे या पूरे हिस्से में असहनीय दर्द होता है।
2. जी मिचलाता है या कभी कभी उल्टी भी हो जाती है।
3. आवाज़ या रोशनी से तकलीफ बढ़ जाती है।
4. रोगी अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पता है।
5. धुंधलापन दिखाई देता है।
कारण:- अभी तक इस रोग के कोई ठोस कारण की जानकारी नहीं है। फिर भी कई संभावित कारण है, जो माइग्रेन की समस्या उत्पन्न करते है
जैसे :- 1. गलत खान पान
2. मानसिक तनाव
3. उच्च रक्तचाप
4.आनुवंशिक कारण
5. हार्मोनल परिवर्तन
6. अनिद्रा
माइग्रेन में क्या करें :-
1. पानी खूब पिए ( कम से कम 7 गिलास प्रतिदिन )
2. प्रयाप्त नींद ले
3. भूखे पेट न रहे
4. तनाव मुक्त रहे
5. संतुलित आहार लें
6. प्रतिदिन व्यायाम करें
7. मन पसंद संगीत सुने
8. डॉक्टर की सलाह से दवा खाएं
क्या नहीं करें :- तेज धुप, तेज रोशनी, तेज गंध व धुंधली जगह से बचे ज्यादा कंप्यूटर, मोबाइल व टी.वी. से बचे ।
माइग्रेन में आहार व्यवस्था:-
1. आहार में मैग्नीशियम वाली हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें।
2. अपने भोजन में Omega 3 Fatty Acid वाले आहार शामिल करें, जैसे: अलसी, सोयाबीन, काजू व मछली, आदि।
3. विटामिन बी जैसे पोषक तत्त्व ले।
4. समय पर भोजन करें।
अपव्य:- जंक फ़ूड व डिब्बा बंद पदार्थ, कैफीन युक्त पदार्थ, खट्टे फल, नूडल्स, शराब, तम्बाकू, आचार, पापड़ व केला।
माइग्रेन में लाभदायक योगा:-
1. शांत स्थान पर बैठकर "ॐ" मंत्र का जप करें।
2. अनुलोम, विलोम
3. भ्रामरी
4. भस्त्रिका
5. ध्यान (मेडिटेशन) (Deep Relaxation Technique)
कुछ महत्वपूर्ण योग जैसे:- सेतुबंधासन, शिशुआसन, मर्जरीआसन, हस्तपादासन, अधोमुखासन व शवासन आदि।
माइग्रेन में लाभदायक कुछ प्राकृतिक उपचार:-
1. शिरोधारा
2. माथे पर चन्दन का लेप
3. रात को सोते समय गोघृत का नस्य कर्म।
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