श्री योग आसन के हर पहलू पर ध्यान देता है, प्रारंभ से अंत तक, साथ ही साँस के आसन से जोड़ पर| निम्नलिखित आसन और प्राणायाम रक्तचाप को कम करने में प्रभावी हैं| उन्हे अभ्यास में लाने से पहले उचित प्रशिक्षक की देखरेख में ही सीखना चाहिए|
सुखासन
योगी साँसे
भ्रामरी
जनुशीर्षासन
पश्चिमोत्तान आसन
पूर्वोत्तान आसन
शवासन
अर्ध-हलासन
सेतुबंधासन
पवनमुक्तासन के विभिन्न प्रकार(सिर उठाए बिना घुटनों को वृत्ताकार घुमाए)
पेट के बल लेटना
मकरासन में भ्रामरी प्राणायाम करना
शिशुआसन
Vajrasan
सुप्तवज्रासन
पैरों को ताने और शवासन में लेटना
योग निद्रा
उच्च रक्तचाप के लिए कुछ योग आसनो का विवरण
शवासन में विश्राम
अंत में आप स्वयं को गर्म रखने के लिए स्वेटर, मोजे या कंबल का इस्तेमाल कर सकते हैं
पीठ के बल लेट जाएँ
एक साँस ले और अपने पूरे शरीर को सिर से लेकर पैर तकताने , साँस को रोके, अपनी मुट्ठी बांधें, अपने चेहरे की मांसपेशियों को सिकोडे साथ ही शरीर की सभी मांसपेशियों को सिकोडे
हा की आवाज़ के साथ साँस को छोड़े और शरीर की सभी मांसपेशियों को शिथिल कर दें
इस क्रिया को एक बार फिर से करें
अब आप आरामदायक स्थिति में लेट जाए और अपनी आँखे बंद रखे
अपनी चेतना को शरीर के विभिन्न अंगो में ले जाकर उन्हे मानसिक रूप से विश्राम दे, यह आप पैरों से प्रारंभ कर सिर तक जाकर समाप्त करें, शरीर के हर अंग के प्रति एक कृतज्ञता का भाव रखे | कृतज्ञता का भाव शारीरिक व मानसिक विश्राम में सहायक होता है
धरती माता को अपना सारा भर अर्पित कर दें, और हल्का अनुभव करें | तनाव रहित शरीर हल्का अनुभव करता है |
और अब अपनी सांसो के प्रति सजग होते हुए साँसों को शांत, हल्का और धीमा करें.
अब सभी प्रकार की चिन्ताओ, भयों , उत्तेजनाओं को छोड़कर मन को विश्राम करने दें | सभी को ईश्वर को समर्पित कर दें | कुछ समय के लिए सभी भूत व भविष्य की घटनाओ को भूल जाए
अपने भीतर की शांति व आनंद में विश्राम करें
कुछ मिनटों के विश्राम के बाद शरीर के प्रति सजग हो जाए और 2-4 लंबी गहरी साँसे लें
अपने दाहिनी ओर करवट लें
धीरे से उठकर बैठ जाएँ
तीन बार ओम का उच्चारण करे
शिशु आसन
अपनी एडियों पर बैठ जाएँ | अपने नितंबो को एडियों पर रखते हुए आगे की ओर झुके और माथे को ज़मीन से लगाए
अपनी भुजाओ को शरीर के साथ ज़मीन पर रखे और हथेलिओ को आकाश की ओर रखे (यदि ऐसा करने में दिक्कत हो तो एक के ऊपर एक हथेली रखकर अपना माथा उन पर रखे)
धीरे से छाती को जंघा की ओर दबाए
कुछ देर रुके
मेरुदण्ड का ध्यान रखते हुए धीरे धीरे उठकर अपनी एडियों पर बैठ जाए और विश्राम करें
लाभ
पीठ का गहन विश्राम
क़ब्ज़ में आराम
तंत्रिका तंत्र को विश्राम