कभी नहीं होगा डायबिटीज, करने होगे रोज 10 मिनट ये 5 योगासन

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खान-पान की गलत आदत और जीवनशैली में व्यापक बदलाव की वजह से आज डायबिटीज के मरीजों की संख्या पूरे विश्व में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। शारीरिक मेहनत की कमी भी डायबिटीज की एक बड़ी वजह है। डायबिटीज को पूरी तरह नहीं खत्म किया जा सकता लेकिन हम अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल कर लें तो जिंदगी आराम से गुजारी जा सकती है। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए खाने-पीने में थोड़ा सा परहेज और इन योगासनों की मदद ली जा सकती है।

1. अर्धमत्स्येन्द्रासन

ये आसन फेफड़ों में स्वच्छ ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। इससे रीढ़ की हड़्डी मजबुत होती है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है। अर्धमत्स्येन्द्रासन पेट के अंगों की अच्छी तरह मसाज करता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने की तरफ फैलाकर इस प्रकार बैठें कि आपकी रीढ़ तनी हो और दोनों पैर एक-दूसरे से चिपके हुए हों। अब अपने बाएँ पैर को मोड़ें और उसकी एड़ी को हिप्स के दाएं हिस्से की और ले जाएं। अब दाएं पैर को बाएँ पैर की ओर लाएं और बायां हाथ दाएं घुटनों पर रख लें और दायाँ हाथ पीछे की ओर ले जाएं। कमर, कन्धों और गर्दन को इस तरह दाईं तरफ मोड़ें।


2. शवासन

शवासन एक ऐसी मुद्रा है जिसमें शरीर को पूरी तरह विश्राम मिलता है। इसके लिए आप एक स्वच्छ स्थान पर चटाई या चादर बिछाकर लेट जाएं और हाथों को बिल्कुल सीधा रखते हुए जांघों से चिपका कर रखें। इसी पोजीशन में थोड़ी देर लेटे रहें और धीरे-धीरे गहरी सांसें लें। इससे मन शांत होता है और शरीर में नई ऊर्जा आती है।


3. उष्ट्रासन

इसे करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब पीछे की ओर झुकते हुए दाएं हाथ से दाहिनी एड़ी और बाएं हाथ से बायीं एड़ी को पकड़ें। इसके साथ ही सिर को पीछे की तरफ झुकाएं। इसी तरह रीढ़ की हड्डियों को भी पीछे की तरफ झुकाने की कोशिश करें।


4. पश्चिमोत्तासन

इस आसन से जांघ और बांह की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पेट के रोगों से छुटकारा मिलता है। इसे करने के लिए पैरों को सामने की तरफ करके बैठ जाएं और दोनों पैरों को आपस में चिपका कर रखें। अब आगे की ओर झुकते हुए हथेलियों से पैर के तलवों को छुएं। अगर आप पूरी तरह नहीं छू पा रहे हैं तो जितना संभव है कोशिश करें। इस आसन को नियमित करने से मोटापा भी कम होता है।


5. सर्वांगासन

सर्वांगासन के लिए पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को जमीन पर अगल-बगल रख लें। घुटना बिना मोड़े अब दोनों पैरों को उठाते हुए पैरों से समकोण बनाने की कोशिश करें। अब इस पोजीशन में थोड़ी देर रुकने के लिए कमर को हाथ से सहारा दे सकते हैं। अब थोड़ा और ऊपर उठने की कोशिश करें और अपनी ठुड्डी को सीने से टच करें। थोड़ी देर इसी पोजीशन में रहने के बाद धीरे-धीरे वापस लेट जाएं।


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