प्रणायाम
अनुलोम विलोम के अभ्यास से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले किसी समतल स्थान पर बैठ जाएं। आपकी कमर और गर्दन दोनों सीधी होनी चाहिए| अब अपनी आंखें बंद कर लें। अब अपने सीधे हाथ को नासिका पर ले जाएं। अब अपनी बीच की अंगुलियों को सीधा रखते हुए अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद कर लें। और बाएं नाक के छिद्र से धीरे-धीरे सांस को बाहर की ओर निकालें। सांस छोड़ने के बाद अब बाएं नाक के छिद्र से सांस भरना प्रारंभ करें। सांस भरने के बाद बाएं नासिका को अंगुलियों की मदद से बंद कर लें व अंगूठे को दाएं नाक के छिद्र से हटाकर दाईं नासिका से सांस को धीरे-धीरे बाहर निकालें। इस प्रक्रिया 3 से 5 मिनट दोहराये| इस आसान को करने से मानसिक तनाव दूर होता है| आंखों की थकावट दूर होती है और रौशनी बढ़ती है।
योगासन
पद्मासन, सिद्धासन, सुखासन में या कुर्सी पर बैठ जाएं। चाहें तो सीधे खड़े होकर भी इस योग को कर सकते हैं। इसके लिए सीधा खड़े होकर या बैठकर दायें हाथ को सामने की ओर सीधा फैला दें। अब इस हाथ की मुट्ठी बंद करके अंगूठे को ऊपर की ओर सीधा तान दें। अब दोनों आंखों को सामने के अंगूठे पर केन्द्रित करें। पलकों को बिना झपकाए आरामदायक अवधि तक अंगूठे पर केन्द्रित रखते हुए वापस पूर्व स्थिति में आएं। इस क्रिया का 2-3 बार अभ्यास करें।
व्यायाम
आंखों को कुछ आसान व्यायाम के द्वारा भी ठीक रखा जा सकता है। इस व्यायाम को आप कहीं भी बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। इसके लिए अपनी आंखों को एक मिनट के लिए बंद करें और फिर इसे खोलकर आंखों को घड़ी की दिशा में 10 बार गोल-गोल घुमाएं। अब इसी तरह इसे घड़ी की विपरीत दिशा में भी घुमाएं। आंखों के लिए बेहद फायदेमंद इस व्यायाम को आप ऑफिस में बैठे-बैठे किसी भी जगह पर कर सकते हैं।
सर्वांगासन
सर्वांगासन आंखों के साथ-साथ दिल और शरीर के सभी अंगों के लिए फायदेमंद है इसीलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं। इसे करने के लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों पैरों को धीरे-धीरे जमीन से ऊपर उठा कर समकोण बनाएं। अब अपने नितम्ब और कमर को भी जमीन से ऊपर उठा कर धड़ तथा पैर को गर्दन से 90 डिग्री पर ले आएं। हाथों को अपने कमर पर रख लें ताकि सहारा बना रहे और आप गिरें न। इस स्थिति में थोड़ी देर रुकें। इसके बाद धीरे-धीरे पहले की स्थिति में आएं।
त्राटकासन
इस आसन से आंखों की सभी समस्याएं दूर होती हैं। इसे अंधेरे में किया जाता है इसलिए इसके लिए रात का समय बेहतर है। दिन में इसे करने के लिेए कमरे को बंद करके अंधेरा कर लें। अब कमरे में एक मोमबत्ती जलाएं और मोमबत्ती के सामने प्राणायाम की मुद्रा में बैठ जाएं। अब बिना पलकें झपकाए एकटक मोमबत्ती को देखते रहें। इसके बाद आंखे बंद कर लें और ओम का मध्यम स्वर में उच्चारण करें और फिर आंख खोल लें। इस प्रक्रिया को कम से कम 3 बार करें। आखिर में अपनी हथेलियों को आपस में रगड़ें और फिर उस गर्म हथेली से आंखों को स्पर्श करते हुए आंख खोलें।