तो आइए जानें नटराजन आसन क्या है और इसके क्या-क्या उपयोग हैं।
नटराजन आसन करने की विधि
आपको किसी चारपाई या चादर को जमीन पर बिछाकर दोनों पैरों को मिलाकर खड़ा होना है।
सीधे खड़े होकर दाएं पैर को पीछे की तरफ इस तरह मोडें कि आपका दाएं पैर का पंजा आपके नितंब को छुएं।
इसके बाद आपको दाएं हाथ को पीछे ले जाना है और दाएं पैर के पंजे को पकड़ लें।
अब आपको दाएं पैर को पंजे से पकड़ कर ऊपर की और ऐसे ले जाना है कि आपके पूरे शरीर का भार बाएं पैर पर आ जाएं।
इसके बाद आपको सिर को सीधा रखना है और बाएं हाथ को हवा में लहराते हुए बाएं तरफ ले जाना है।
इस स्थिति में आप बाएं पैर पर बैलेंस बनाकर रखें और एक पैर पर सीधे खड़ हो। आपकी यह स्थिति ही नटराजन आसन है। आप जोर-जोर से सांस ना लेकर सामान्य स्थिति में सांस लें।
कुछ देर इस पॉजीशन में खड़े रहकर इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से करें। इस प्रक्रिया को आप दोनों पैरों से कुछ-कुछ समय बाद बदलकर करें।
नटराजन आसन के फायदे
इससे आपका बॉडी बैंलेंस बहुत अच्छा होगा और आपका शरीर अधिक से अधिक लचीला बनेगा।
इस आसन से हाथ- पैरों में रक्त संचार बेहतर होगा, नर्वस सिस्टम बेहतर होगा है।
इस आसन से हाथ – पैरों में जान आती है और इनकी मालिश भी हो जाती है।
नटराजन आसन से आपके काम की क्षमता अधिक बढ़ती है क्योंकि इससे आपकी एकाग्रता बढ़ती है।
मन को शांत करने और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए नटराजन आसन बहुत फायदेमंद हैं।
वृद्घावस्था में होने वाले रोगों को दूर करने के लिए और उनसे बचने के लिए नियमित रूप से नटराजन आसन करना चाहिए।
आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी और लंबे समय तक युवा रहने के लिए नटराजन आसन बहुत फायदेमंद है।
शरीर पर नियंत्रण बनाने के लिए भी यह आसन लाभकारी है।
यदि आपकी निर्णय लेने की क्षमता कमजोर है या आप जल्दी से निर्णय नहीं ले पाते तो नटराजन आसन करना चाहिए।
चेहरे पर चमक लाने योग और सुंदरता बढ़ाने के लिए नटराजन आसन करना चाहिए।