शीर्षासन के लाभ-
झड़ते बाल फिर से उग सकते हैं
अगर आपके बाल झड़ रहे हैं या उम्र से पहले ही सफेद हो रहे हैं तो शीर्षासन से ये वापस काले और घने हो सकते हैं। बालों की तमाम समस्याओं में शीर्षासन का अभ्यास जादुई तरीके से काम करता है। दरअसल बालों का झड़ना या सफेद होना पोषण की कमी और हार्मोन्स में असामान्यता के कारण होता है। शीर्षासन के अभ्यास से दिमाग की नसों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है तो हार्मोन्स का असंतुलन भी धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। इसके अभ्यास से डैंड्रफ की समस्या भी ठीक होती है।
शरीर मजबूत बनता है
शीर्षासन के नियमित अभ्यास से शरीर के हर अंग में मजबूती आती है। शीर्षासन करते समय आप के शरीर के सभी अंगों को गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध बैलेंस बनाना पड़ता है जिससे इन पर भार पड़ता है और ये सभी अंग मजबूत बनते हैं। इस आसन के अभ्यास से आपके कंधे चौड़े होते हैं और बाहें बलिष्ठ होती हैं। इसके अलावा शीर्षासन का नियमित अभ्यास पेट की चर्बी को भी कम करता है। इसे करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है
शीर्षासन के अभ्यास से आपके दिमाग की नसों में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और आपके दिमाग को शांति मिलती है। शरीर में एक हार्मोन होता है कार्टिसोल, इस हार्मोन के बढ़ जाने से ही आपको तनाव और अवसाद हो जाता है। शीर्षासन से शरीर में बनने वाले कार्टिसोल हार्मोन में कमी आती है इसलिए इसके अभ्यास से आप तनाव और अवसाद जैसी मानसिक विकृतियों से बचे रहते हैं।
दिल की बीमारियां नहीं होंगी
शीर्षासन के नियमित अभ्यास से दिल की बीमारियों की संभावना 90 प्रतिशत तक कम हो जाती है। दरअसल दिल की तमाम बीमारियों का कारण ब्लड प्रेशर की अनियमितता है और शीर्षासन के अभ्यास से पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है इसलिए इससे दिल के रोगों में भी बचाव रहता है।
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है
शीर्षासन शरीर के अंगों के साथ-साथ हड्डियों और मांसपेशियों के लिए भी फायदेमंद है। इसके अभ्यास से हड्डियां मजबूत होती हैं और हड्डी के रोगों जैसे आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस आदि से बचाव रहता है। इससे आपकी रीढ़ की हड्डियां भी मजबूत होती हैं और अगर ये थोड़ा बहुत झुक गई हैं तो सीधी हो जाती हैं। अगर आप युवावस्था से ही इसका थोड़ा-थोड़ा नियमित अभ्यास करते हैं तो बुढ़ापे में आपको कभी भी सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी।