जायफल के पोषक तत्त्व, औषधीय उपयोग, फायदे और नकारात्मक प्रभाव
आइए जानते हैं इसके पोषक तत्वों की मात्रा, औषधीय उपयोग, फायदे और नकारात्मक प्रभावों के बारे में -
1) जायफल क्या होता है
जायफल एक प्रकार का मसाला होता है जो जायफल के पेड़ से प्राप्त किया जाता है। यह खोखली गोलेनुमा आकृति में होता है। इसको अंग्रेजी में नटमेग (Nutmeg) कहा जाता है तथा इसका वैज्ञानिक नाम मिरिस्टिका फ्रेगरेंस है। इसका उपयोग दुनियाभर में भोजन का जायका बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है लेकिन साथ ही औषधि के रूप में भी इसका बहुत उपयोग है।
2) जायफल में कौन से पोषक तत्त्व होते हैं
जायफल अपने आयुर्वेदिक प्रयोगों के कारण बहुत लाभदायक होता है। आइए जानते हैं इसके पोषक तत्वों की मात्रा -
प्रति 100 ग्राम जायफल में
3) जायफल के 9 औषधीय उपयोग
जायफल को विशेष नुस्खों के रूप में अलग अलग तरीकों से प्रयोग किया जाए तो यह विभिन्न रोगों में फायदेमंद हो सकता है, आइए जानते हैं ऐसे आयुर्वेदिक नुस्खे -
4) जायफल को कैसे लंबे समय तक सुरक्षित रखें
जायफल एक प्राकृतिक उत्पाद है जो उचित तरीके से संग्रहण करने पर लम्बे समय तक ख़राब नहीं होता है। जायफल पाउडर यानि की चूर्ण के रूप में भी मिलता है तथा ये साबुत भी मिलते है। इसके साथ जायफल का तेल भी बाज़ार में उपलब्ध है। जायफल को ख़राब होने से बचाने के लिए इसका संग्रहण एयर-टाइट डिब्बे में किया जाना चाहिए तथा इसको नमी से बचाकर रखना चाहिए।
5) जायफल के तेल का उपयोग और फायदे
जायफल का तेल अपने आप में बहुत से लाभ लिए होता है-
जायफल के तेल की मालिश शरीर में रक्त का प्रवाह उचित रूप से बनाये रखने में मदद करती है।
जायफल के तेल की मालिश से गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
इसकी मालिश से शरीर की थकावट दूर होती है तथा तनाव भी दूर होता है।
इसके तेल की स्ट्रोंग सुगंध मुँह दुर्गन्ध,तथा साँसों की बदबू दूर करने में सहायक होती है।
जायफल का तेल याददाश्त बढ़ाने में सहायक होता है।
6) जायफल को किस उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते हैं
जायफल एक बहु उपयोगी औषधि है जिसका उपयोग शिशु से लेकर बुज़ुर्ग व्यक्ति तक कोई भी कर सकता है, बशर्ते इसका उपयोग सही मात्रा में, सही समय पर तथा चिकितास्कीय सलाह के अनुसार किया जाए। इसकी तासीर गर्म और शक्ति वर्धक है, इसलिए बच्चों को वयस्कों जितनी मात्रा में दे दिया जाए तो समस्या हो सकती है, इसलिए मात्रा का विशेष ध्यान रखें।
7) जायफल के नकारात्मक प्रभाव
जायफल का उपयोगी होना तो एक पहलु है लेकिन इसका अधिक प्रयोग भी नुकसानदेह साबित हो सकता है साथ ही कुछ लोगों के लिए इसका प्रयोग उचित भी नहीं होता है।
जायफल का सेवन अधिक गर्मी के मौसम में नहीं करना चाहिए
जायफल के अधिक सेवन से नशे जैसी स्थिति, चक्कर आना बेहोशी जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है
जायफल के अधिक सेवन से घबराहट, उलटी जैसी समस्याएँ भी हो सकती हैं।
उच्च रक्त चाप के रोगियों को भी जायफल का सेवन वैद्यकीय सलाह के बाद किया जाना चाहिए। अधिक जायफल का सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है।
प्रतिदिन जायफल खाने से नाक में नकसीर, दस्त, पेट की समस्या हो सकती है।
जायफल ज़ुकाम, बुखार, सर्दी आदि समस्याओं में किया जाता रहा है। किसी भी औषधि का आयुर्वेदिक फार्मूलों के अनुसार संयोजन अलग अलग रोगों में फायदा देता है। कई बार इसका गलत रोग में प्रयोग करने पर नुकसान भी कर सकता है। अतः किसी भी चीज़ का औषधी के रूप में सेवन करने से पहले चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें। वैद्यकीय परामर्श के बाद आप प्रयोग कर सकते हैं।
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