जलने और फोड़े फुंसियों के लिए नीम
जले हुए स्थान पर नीम का तेल या पत्तों को पीस कर लगाने से आराम मिलता है। नीम की पत्तियों और तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसलिए कटे हुए स्थान पर नीम का तेल लगाने से टिटनेस का भय नहीं रहता। इसके अलावा यदि आप फोड़े और फुंसियों की समस्या से बचना चाहते है तो नीम के पत्ते, छाल और फलों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, अब इस पेस्ट को त्वचा पर लगाएं। इससे फोड़े−फुसियां तथा घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर तथा ठंडा करके उस पानी से मुंह धोने से मुहांसे दूर होते हैं।
कान और दांतों के रोग के लिए नीम
कान में नीम का तेल डालने से कान दर्द या बहने की समस्या ठीक हो जाती है। नीम का तेल तेज गर्म करके जला लें इसे थोड़ा ठंडा करके कान में कुछ दिन तक नियमित रूप से डालने से बहरापन में भी आराम मिलने की बात कही जाती है। इसके अलावा नींद दांतों के लिए भी लाभकारी होता है। नीम का दातुन नियमित रूप से करने से दांतों में पाये जाने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे मसूडे मजबूत व दांत चमकीले और निरोग होते हैं। मसूड़ों से खून आने और पायरिया होने पर नीम के छाल और पत्तों को मिलाकर इस पानी से कुल्ला करने से लाभ होता है।
पीलिया में नीम
पीलिया में नीम का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। पित्ताशय से आंत में पहुंचने वाले पित्त में रुकावट आने से पीलिया होता है। ऐसे में रोगी को नीम के पत्तों के रस में सोंठ का चूर्ण मिलाकर देना चाहिए। या फिर सिर्फ दो भाग नीम की पत्तियों का रस या छाल का क्वाथ और एक भाग शहद मिला कर पीने से पीलिया रोग में काफी फायदा होता है।
पथरी में लाभदायक
पथरी की समस्या से बचने के लिए लगभग 150 ग्राम नीम की पत्तियों को 1 लीटर पानी में पीसकर उबाल लें। इस पानी को सामान्य होने पर पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से पथरी निकल सकती है। पथरी यदि किडनी में है तो प्रतिदिन नीम के पत्तों की लगभग 2 ग्राम राख पानी के साथ लें। लाभ होगा।
पेट संबंधी समस्याओं में नीम
पेट संबंधी अनेक समस्याओं से निजात पाने में नीम बहुत सहायक होता है। पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए नीम के पत्तों के रस में शहद और काली मिर्च मिलाकर सेवन करें। नीम के फूलों को मसलकर गर्म पानी में डालकर छानकर पी लें इससे कब्ज दूर होती है। नीम की पत्तियों को सुखाकर शक्कर मिलाकर खाने से दस्त में आराम मिलता है।
डायबिटीज और कोलेस्टॉल नियंत्रण में मददगार
नीम डायबिटीज की रामबाण दवा है। व्यायाम की कमी तथा आहार में प्रोटीन की कमी से डायबिटीज होता है। सुबह के वक्त नीम का सत्व या जूस लेने से डायबिटीज नियंत्रण में रहती है। साथ ही नीम के तने की छाल तथा मेथी के चूर्ण का काढ़ा बनाकर कुछ दिनों तक नियमित पीने से डायबिटीज में लाभ मिलता है। इसके अलावा नीम के पत्तों का जूस और एलोवेरा जूस के साथ मिलाकर रोजाना खाली पेट लेने से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा नीम एक रक्त-शोधक औषधि है, यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। 200 ग्राम तक नीम पत्तियों के प्रयोग से कोलेस्टॉल की मात्रा काफी कम हो जाती है। नीम का महीने में 10 दिन तक सेवन करते रहने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
त्वचा की खूबसूरती और बालों के लिए नीम
नीम की पत्तियों का रस पीने से खून साफ होता है जिससे चेहरे की कांति बढ़ती है। नीम के तेल से पूरे शरीर की मालिश करें। इससे त्वचा रोगरहित होती है। इसके अलावा स्नान करते समय नीम की ताजी पत्तियों को पानी में डालकर इस पानी से स्नान करें। साथ ही नीम एक बेहतरीन हेयर कंडीशनर भी है, नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर और पीस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में शहद मिलाकर इसे बालों में लगाने से रूसी की समस्या खत्म होती है और बाल बहुत ही मुलायम और चमकीले भी हो जाते हैं।
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