आँखो की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज

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आँखो की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज
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KayaWell Expert

आँखें मानव शरीर का बेहद अहम हिस्सा है, क्योंकि इन्हीं के जरिए हम इस खूबसूरत दुनिया को देख पाते हैं। इसलिए आंखों का ख्याल रखना और भी जरूरी हो जाता है।

  • • अचानक आँखों की रोशनी गिरने पर क्या करे ?

आपकी की रोशनी का अचानक कम होना,किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है ऐसा होने पर बिना देरी किये अपनी आँखो की अपने आस-पास के एक अच्छे हेल्थ एक्सपर्ट से इसकी जॉच करवाएं, इसके  लिए आपको एक अच्छे एक्सपर्ट को तलाश ने जरुरत होगी, लेकिन  अब आपको परेशान होने की बिलकुल  जरूरत नहीं हैं , क्योंकि आपकी इस समस्या का हल भी  आपको ऑनलाइन ही मिल जायेगा |«यहाँ पर आपको आपके क्षेत्र के अनुसार एक अच्छे एक्सपर्ट की लिस्ट मिल जाएगी CLICK HERE l»जिनसे आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बातचीत कर सकते हैं, नीचे दिए गए उपायों को अपनाकर आप आँखो की बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं ।



  • • कमज़ोर आंखों का असल कारण क्या है?

  • आधुनिक पर्यावरण में कई चीज़ें ऐसी हैं जो आंखों की रोशनी कम होने की वजह हो सकती हैं. और कुछ सरल उपाय अपनाकर हम अपने बच्चों की आंखों की रोशनी को धुंधली पड़ने से बचा सकते हैं.

  • ♣ बदलता पर्यावरण 

  • महत्वपूर्ण है कि इसी दौरान एस्किमो को पश्चिमी जीवनशैली प्रभावित करने लगी थी. वे अपनी परंपरागत जीवनशैली जैसे मछलियों का शिकार करने से दूर होने लगे थे.
  • डब्लिन स्थित चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के इयान फ़्लिटक्रॉफ्ट कहते हैं, “निकट दृष्टि दोष एक औद्योगिक बीमारी है.”
  • वे कहते हैं, "संभव है कि हमारे जीन अब भी निकट दृष्टि दोष तय करने में भूमिका निभा रहे हों, लेकिन पर्यावरण में बदलाव ही वो कारण था, जिससे समस्या इस कदर उभरी."
  • निकट दृष्टि दोष की जो आम वजह बताई जाती है वह है पढ़ाई.
  • पहली नज़र में ये सही भी लगता है. किसी भी यूनिवर्सिटी के व्याख्यान या कॉन्फ्रेंस में देखिए, अधिकतर लोग चश्मा लगाए हुए दिखेंगे.

  • ♣ पढ़ाई से रिश्ता

  • नेत्र रोग अध्ययनों में पता चला है कि पढ़ाई का आंखों पर उतना असर नहीं पड़ता, जितना कि माना जाता है.
  • फ़्लिटक्रॉफ्ट कहते हैं, “हमने जितना इस पर शोध किया और लोगों की पढ़ने के घंटों को मापा, आंखों की रोशनी से इसका रिश्ता उतना कम होता मिला.”
  • ओहियो में बच्चों पर हुए शोध से पता चला कि ‘पढ़ाकू’ बच्चों और कमज़ोर आंखों के बीच कोई रिश्ता ही नहीं है.
  • वहीं यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में हुए अध्ययनों में पता चला कि जो लोग बंद कमरों के बाहर ज़्यादा समय गुजारते हैं, उनकी आंखें ज़्यादा स्वस्थ होती हैं.

  • ♣ सूरज की रोशनी

  • लेकिन ऐसा क्यों है? आम तौर पर सूरज की रोशनी को इसकी वजह माना जाता है. बच्चों पर भी हुए शोध में पता चला कि जो बच्चे सूरज की रोशनी का ज़्यादा मजा लेते हैं, उन्हें चश्मों की ज़रूरत उतनी ही कम होती है.
  • शायद इसकी वजह ये है कि सूरज की रोशनी से विटामिन डी मिलता है, जो कि स्वास्थ्य प्रतिरक्षा तंत्र और दिमाग़ के साथ-साथ आंखों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है.
  • सूरज की किरणें सीधे आंख में ही डोपामाइन रिलीज़ करती हैं. डोपामाइन आंखों की स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है.

  • आँखों की रोशनी गिरने लक्षण :

  • इस रोग में रोगी को आंखों से सब कुछ धुंधला दिखाई देता है तथा उसे आंखों से अजीब-अजीब सी चीजें दिखाई देती हैं जोकि वास्तव में होती ही नहीं है जैसे मक्खी-मच्छर तथा मकड़ी के जाले आदि दिखाई पड़ना, गोलाकार वस्तु दिखाई पड़ना, अलग-अलग प्रकार की रोशनी और आंखों के सामने सभी वस्तुएं धुंधली (बादल से ढकी हुई) दिखना शुरुआती लक्षण हैं। रोग के और ज्यादा बढ़ने पर रोगी दूर की चीजों को पास और पास की चीजों को दूर देखता है। आंखों की रोशनी कम हो जाती है और रोगी सुई में धागे को पिरोता है तो उसे सुई का छेद ही नहीं दिखाई देता है। ये नज़र के कमजोर होने के सामान्य लक्षण हैं।

  • • आँखों की रौशनी बढ़ाने वाले घरेलू नुस्खे

  • 1. शहद :
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  • ★ धान का रस लगभग 10 से 15 मिलीलीटर को 5 से 10 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ लेना चाहिए।
  • ★ त्रिफला चूर्ण 4-5 ग्राम लेकर 15 से 25 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से आंखों की रोशनी में वृद्धि होती है।
  • ★ लगभग 12 से 24 ग्राम त्रिफला घृत, त्रिफला और यष्टीमधु मूल चूर्ण के साथ शहद में मिलाकर दिन में 2 बार लेना चाहिए।
  • ★ 15 से 30 मिलीलीटर मेशश्रृंगी फल का काढ़ा 5 से 10 ग्राम शहद के साथ दिन में 2 बार लेना चाहिए।

  • 2. घी :

  • ★ आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गाय का ताजा घी और मिश्री मिलाकर खाएं। घी खाना भी आंखों के लिए लाभकारी होता है।
  • ★ गाय के ताजे घी में देशी खांड और कालीमिर्च को रोजाना सुबह खाली पेट 1-2 चम्मच सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
  • ★ लगभग 15 से 30 मिलीलीटर त्रिफला का काढ़ा 5 से 10 ग्राम घी के साथ दिन में 3 बार सेवन करने से आंखों के रोगों में आराम मिलता है।

  • 3. मेंहदी :

  • ★ 10 ग्राम जीरा और 10 ग्राम मेंहदी दोनों को बराबर मात्रा में कूटकर रात में गुलाब जल में भिगो दें, इसे सुबह के समय छानकर स्वच्छ शीशी में रख लें और एक ग्राम भूनी हुई फिटकरी को बारीक पीसकर मिला लें। इसे थोड़ी मात्रा में आंखों में डालने से आंखों की ललाई दूर होती है।
  • ★ मेहंदी के हरे पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें, रात्रि में इसकी टिकिया को आंखों पर बांधकर सोने से आंखों की पीड़ा और लालिमा ठीक हो जाती है।

  • 4. चमेली :



  •  आंखों को बंद करके उसके ऊपर चमेली के फूलों को पीसकर लेप करने से आंखों के दर्द में आराम मिलता है।
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  •  5. मक्खन :

  • ★ गाय के दूध का मक्खन आंखों पर लगाने से आंखों की जलन दूर होती है।
  • ★ यदि खुरासानी का दूध या भिलावा आंख में पड़ गया हो तो गाय के दूध के मक्खन को आंख में काजल की तरह लगाना लाभकारी होता है।

  • 6. सेंधानमक :


  •  सेंधानमक, हर्र, फिटकरी और अफीम को मिलाकर उसका लेप आंख के बाहर चारों ओर लगाने से लाभ होता है।
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  •  7. रीठा :—


  •   सरल अभिष्यंद (मोतियाबिंद) में रीठे के फल को पानी में उबालकर इस पानी को पलकों के नीचे रखने से लाभ होता है।


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