
पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। इस बीमारी में मनुष्य का खून पीला पड़ने लगता है और शरीर कमजोर हो जाता है। मनुष्य की पाचन शक्ति ख़राब होने के कारण खून बनना बंद हो जाता है और उनके शरीर का रंग धीरे - धीरे पीला पड़ने लगता है। गरमी के मौसम में इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और लाखो लोग पीलिया यानी की जॉन्डिस की बिमारी की चापेट में आ जाते हैं। अक्सर लोग खानपान में लपरवाही करते हैं जिसके करन पीलिया गंभीर बीमारी का रूप ले लेता है और बहुत बार इसे ठीक होने में महीनो का वक्त लग जाता है। पीलिया का अगर सही समय पे इलाज ना हो तो यह एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है। लेकिन समय से सही इलाज और खानपान से इसे समय पे ठीक किया जा सकता है। पीलिया मे रोगी का शरीर पीला पड़ने लग जाता हैl रोगी के शरीर के साथ साथ उसके नाख़ून, त्वचा, आंखे भी भी पीले रंग की हो जाती है। इस रोग को Jaundice भी कहा जाता है l
वायरल हेपेटाइटिस या जोंडिस को लोग पेलिया कहते हैं। जब यह रोग अपनी प्रारंभिक अवस्था में होता है, तब इसे लक्षण दिखलाई नहीं देते परंतु बाद में यह बहुत ही उग्र हो जाते और जानलेवा बन जाते हैं। जिन वायरस से यह बीमारी होती है उसके आधार पर इनको तीन भागो में बताया गया है।
1) वायरल हैपेटाइटिस ए
2) वायरल हैपेटाइटिस बी
3) वायरल हैपेटाइटिस NON-A और NON-B
पीलिया होने पर कुछ इस तरह के लक्षण दिखलाई देते हैं।
नाखून, त्वचा और आंखे पीले पड़ने लगते हैं
फ़्लू के जैसे लक्षण दिखाई दें: जैसे जी मचलाना
लीवर की बीमारियों के लक्षण: जैसे पेट दर्द होना, भुख ना लगना, कुछ भी हज़म ना होना
वजन घटना
गाढ़ा/पीला पेशाब होना
लगातार थकान महसूस करना
बुखार बना रहना
हाथों में खुजली चलना
चिकनाई युक्त भोजन से अरुचि होना
सिर मे दर्द रहना
कमजोरी का होना
इस रोग से बचने के लिए रोगी अनेक तरह के उपचार और एंटी बायोटिक का सहारा लेता है. जिससे उनके शरीर पर कुछ अन्य प्रभाव भी हो सकते है किन्तु आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक उपाय बता रह है जिनको अपनाकर आप पीलिया जैसी भयंकर रोग से तुरंत मुक्ति पा सकते हो l इन उपायों का आपको कोई साइड इफ़ेक्ट भी नही होता है l
गन्ने का रस पीलिया के रोगी के लिए फायदेमंद होता है। अगर गन्ने के रस का सेवन रोजना 3 से 4 बार किया जाए तो बहुत लाभ होता है।
सत्तू के साथ गने के रस के सेवन से 1 हफ्ते में ही पीलिया ठीक हो सकता है।
सफेद चुना चावल के दाने के बराबर गन्ने के रस में सेवन करने से भी लाभ मिलता है।
हल्दी भी पीलिया के इलाज के लिए बहुत अच्छी होती है। पीलिया होने पर रोजना 3 से 4 बार पानी में 1 चम्मच हल्दी मिलाकर सेवन करना चाहिए। इससे शरीर के अंदर मौजुद विषाक्त मर जाएंगे। पीलिया के इलाज के लिए यह बहुत ही आसान नुस्खा है और उसके इस्तेमल से खून भी साफ होता है।
नारंगी पाचन तंत्र के लिए बहुत ही लभकारी होती है। यह पीलिया में बहुत ही प्रभावकारी होने के साथ साथ बिलीरूबिन की मात्रा को भी नियत्रित करता है। इसके अंदर पाए जाने वाले तत्त्व लीवर की कमजोरी को भी दूर करते हैं और उन्हें आंतरिक रूप से मजबूत बनाते हैं।
टमाटर में लाइकोपीन भरपुर होता है। सुबह-सुबह खली पेट टमाटर का रस लेने से लिवर स्वस्थ होता है। टमाटर को पहले पानी में उबले जिनसे वो मुलायम हो जाएंगे। फिर उनके छिलके को अलग कर लें। टमाटर के अंदर के हिस्से को अलग रख लें और उसका जूस बनाकर सेवन करने से पीलिया जल्दी अच्छा होता है।
6 से 7 घंटे धनिया के बीजों को पानी में भिकोकर रख दें। प्रतिदिन अब उस पानी का सेवन करें। धनिया के पानी का प्रयोग सब्जी बनाने में रोटी बनाने में करें। धनिया का पानी पीलिया की बीमारी में लाभदयक है।
पीलिया की बिमारी में रोजाना सुबह शाम छाछ का सेवन करना चाहिए। छाछ में सेंधा नमक का प्रयोग करे क्योंकि छाछ और सेंधा नमक दोनो को साथ में प्रयोग करने से पीलिया में जल्दी फायदा मिलता है।
पीलिया रोग में दही का सेवन करने से बैक्टिरिया के संक्रमण से बचा जा सकता है। रोजाना दही के प्रयोग से पीलिया के लक्षण को काम किया जा सकता है। दही का प्रयोग पीलिया में प्रतिदिन करना चाहिए।
पीलिया में नारियल के पानी का उपयोग अत्यंत लाभकारी होता है। नारियल के अंदर मौजुद विटामिन और मिनरल लिवर को स्वस्थ रखते हैं, और पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
कच्चे पपीता की सब्जी बिना मसाले के बनार खाए। पके पपीते का भी उपयोग फायदेमंद होता है। पपीते के पत्ते का रस प्लेटलेट्स बढने में बहुत मदद करता है। पपीते के पत्ते का रस का प्रयोग सुबह में खली पेट करने से ज्यादा फायदा मिलता है। पपीते के पत्ते को जूसर की मदद से पीस कर उसके रस को रोजाना इस्तेमाल करे।
बकरी का दूध गाय के दूध के तुलना में बहुत आसानी से पच जाता है। बच्चों से लेकर हर उम्र तक के लोगो को पीलिया में बकरी का दूध पिलाया जाता है क्योंकि यह आसानी से पच जाता है। इसके अलावा बकरी के दूध में एंटीबॉडी मौजूद होती है जो लीवर को मजबूत बनाती है और प्लेटलेट्स बढ़ती है।
तुलसी के 5 ग्राम पत्ता और उतनी ही मात्रा में पुनर्नवा की जड़ को पीसकर रोज के इस्तेमाल से पीलिया से छुटकारा पाया जा सकता है।
यह औषधि भारत के साथ साथ काई देशो में आसानी से पाई जाती है। इसके पौधे का पाउडर बनाया जाता है, जिसको गुडूची सत्त्व कहा जाता है। जो पीलिया में इसका प्रयोग करते हैं उनके अंदर काफ़ी सुधार होता है। इसका उपयोग गुनगुने पानी के साथ दिन में कम से कम 2 बार करना चाहिए।
ये जडी बूटी भारत में किसी पंसारी की दुकान में मिल जाती है। इसका उपयोग पीलिया के साथ साथ लीवर की बीमारी को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। इसमें प्रिकोलिव पाया जाता है जिसका प्रभाव एंटी-कोलेस्टेटिक होता है। इसका उपयोग करने से पित्त खून में जमा नहीं होता है। कुटकी को गर्म पानी के साथ इस्तेमाल करने से पीलिया में फायदा मिलता है।
यह एक तरह की झाडी होती है जो की हिमालय में पाई जाती है। इसका उपयोग पीलिया के साथ साथ फेफड़े के इलाज में भी होता है। अगर आप किसी अन्य दावा का उपयोग कर रहे हैं तो इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। इस पौधे के पत्ते का प्रयोग करने से पीलिया को जल्दी से ठीक किया जा सकता है। इस पौधे के पत्ते का रस 2 चम्मच, मुलेठी के पाउडर और उतनी ही मात्रा में चीनी और आधा चम्मच शहद मिलाकर खाने से पीलिया जल्दी ठीक होता है।
इस जड़ी बूटी का प्रयोग पीलिया, लीवर सिंड्रोम, हेपेटाइटिस के इलाज में भी किया क्या जाता है। इस जड़ी बूटी का दिमाग और लीवर पे भी अच्छा प्रभाव होता है। इसे रोजाना दिन में 2 से 3 बार 250 से 500 ग्राम की मात्रा में लेना चाहिए।
पीलिया के लक्षण दिखने पर सबसे पहले अपनी जीवन शैली और खान पान में बदलाव करना चाहिए। कायावेल की तरफ से कुछ जरुरी सुझाव:
बाहर के खाने से परहेज करें और घर का ही हेल्दी खाना खाएं।
बहुत अधिक खाना न खाएं क्योंकि लीवर की स्थिति के कारण यह ठीक से पच नहीं सकता है।
मसालेदार या तैलीय भोजन न करें।
दाल और बीन्स न खाएं क्योंकि यह आपके लीवर के लिए पचाना भारी होगा।
ज्यादा मेहनत करने से बचे यह आपकी परेशानी को बढ़ा सकता है।
पीलिया के दौरान शराब न पिएं यह आपके लीवर को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है।
बहुत अधिक नमक न खाएं क्योंकि यह ठीक होने के समय को बढ़ा सकता है।
कैफीन की वजह से कॉफी और चाय से परहेज करें।
पीलिया में दाल खाने से बचना चाहिए, दाल खाने से आंत में सूजन हो सकती है।
मक्खन खाने से बचें क्योंकि इसमें अत्यधिक वसा होती है।
इसके प्रयोग से पीलिया के रोगी में भारी तनाव बढ़ सकता है।
जंक फूड से बचें क्योंकि जंक फूड अत्यधिक मसालों से बनते हैं जो पीलिया में हानिकारक होते हैं।
पीलिया के रोगी को मांस, अंडे और मछली खाने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें भारी मात्रा में प्रोटीन होता है और लीवर द्वारा इसे पचाना मुश्किल होगा।
यदि आप अपने शरीर में पीलिया के निम्न लक्षण देखते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
आपकी त्वचा और आंखों में पीलापन।
पीला पेशाब होता है।
अपना काम करते या चलते समय आसानी से थक जाते हैं।
तेजी से वजन कम होना।
भूख न लगना या कुछ डाइजेस्ट न होना।
आपके पेट में लगातार दर्द।
बुखार आना या सर दर्द होना।
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