हृदय रोगों से कैसे बचें:-
जीवन शैली में करें सकारात्मक परिवर्तन:-
अपने हृदय और हृदय प्रणाली को स्वस्थ रखने की दिशा में कुछ खास बदलाव करें। प्रतिदिन व्यायाम करें। ये तरीके हृदय को स्वस्थ रखते हैं और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। और साथ ही हृदय रोग होने की स्थिति में रोग को गंभीर होने से भी रोकते हैं। ये बदलाव करने से आपको कोई अन्य हृदय रोग होने से बचाव होगा और यदि रोग का उपचार चल रहा है तो उसमें जल्दी लाभ होने में भी सहायता होगी।
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संतुलित आहार लें:-
एक स्वस्थ संतुलित आहार लें जिसमें सभी खाद्य समूहों से खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। वे भोजन जिनमें संतृप्त वसा, ट्रांस वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, वे शरीर के नुकसानदेह होते हैं। यदि आप हृदय रोगों और समस्याओं से दूर रखना चाहते हैं तो आपको एल्कोहोल का इस्तेमाल भी कम करना होगा।
अन्य स्थितियों पर नजर रखें:-
हृदय रोग से ग्रसित रोगी अकसर कुछ अन्य रोगों की निदान की प्रक्रियाओं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि से भी गुजर रहे होते हैं। इन सभी को नियमित जांच और नियंत्रण कर, आप ह्रदय रोगों के जोखिम कारकों से आसानी से मुकाबला कर पायेंगे। हृदय रोग के मरीजों को चाहिए कि वे अपना रक्त चाप 140/90 से कम रखें। इससे उन्हें हृदय रोग को काबू करने में मदद मिलती है। साथ ही वे रोगी जिन्हें हृदय रोग के साथ डाइबटीज है वे अपनी शुगर की नियमित जांच भी करें।
आवश्यक दवाएं भी लें:-
कभी-कभी जीवन शैली में बदलाव हृदय रोगों के निदान के लिए काफी नहीं होता है। दवाएं हृदय रोग के लक्षणों के कई प्रकार के इलाज के लिए एक कारगर तरीका है। कुछ दवाएं रक्त को पतला करने तथा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का कार्य करती हैं। आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि जो दवा आप ले रहे हैं वह आपके दिल की बीमारी के इलाज के लिए कैसे काम करती है। यह दवाएं नीयमित रूप से व ठीक मात्रा और समय पर ली जानी जरूरी होती हैं। अपने डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन कतई बंद ना करें, ऐसा करने से आपका रोग और गंभीर हो सकता है।
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हृदय रोगों में होने वाली सर्जरी:-
यदि दवाएं ठीक प्रभावी ढंग से हृदय रोग के लक्षणों को नियंत्रित नहीं करती हैं, तो शल्य चिकित्सा विकल्प के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। कई प्रक्रियाओं, संकीर्ण या अवरुद्ध धमनियों को फिर से खोलने या सीधे हृदय की चिकित्सा के लिए इस्तेमाल की जा सकती हैं।
हृदय की चिकित्सा के निम्न प्रकार हो सकते हैं:-
♦ हार्ट वॉल्व सर्जरी
♦ इनफ्रेक्ट एक्सक्लूजन सर्जरी
♦ हार्ट ट्रासप्लान्ट(ह्रदय प्रत्यारोपण)
♦ बाईपास सर्जरी
♦ हृदय के लिए अन्य भी कई सर्जरी होती हैं, जो पूरी तरह रोग की स्थिति और अवस्था पर निर्भर करता है।
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