आइये जाने डेंगू बà¥à¤–ार के लकà¥à¤·à¤£ और उपचार के उपाय?
डेंगू बà¥à¤–ार à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ खतरनाक बीमारी होती है। जो मचà¥à¤›à¤°à¥‹à¤‚ के काटने से होती है, जिसका समय रहते अगर इलाज नहीं करवाया जाठतो यह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मौत à¤à¥€ हो सकती है। डेंगू होने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को लगà¤à¤— à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक सामानà¥à¤¯ बà¥à¤–ार रहता है। परंतॠइसका इलाज नहीं किया जाता है तो गंà¤à¥€à¤° रूप ले लेता है। और यह किसी à¤à¥€ आदमी के लिठमौत का कारण à¤à¥€ बन सकता है। डेंगू के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मामले उषà¥à¤£ तापमान वाले कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पाठजाते है। यह बीमारी à¤à¤¡à¤¿à¤œ मचà¥à¤›à¤° से होती है, जो डेंगू वायरस से संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ होता है।
डेंगू बà¥à¤–ार होने के कारण:
डेंगू मचà¥à¤›à¤° बारिश के मौसम में बाहयात पाये जाते है। यह मचà¥à¤›à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤¯: घरो सà¥à¤•à¥‚लों व à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ में तथा इनके आस – पास à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ खà¥à¤²à¥‡ पानी à¤à¤µà¤‚ कीचड़ में अंडे देते है। इन मचà¥à¤›à¤°à¥‹à¤‚ के शरीर की à¤à¤• अलग ही पहचान होती है। इनके शरीर पर सफ़ेद और काली पटà¥à¤Ÿà¥€ होती है। यह मचà¥à¤›à¤° निडर होते है और आज जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° दिन के समय में ही काटते है। डेंगू à¤à¤• विषाणॠसे होने वाली बीमारी से है। जो à¤à¤¡à¥€à¤œ नामक संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ मादा मचà¥à¤›à¤° के काटने से फैलती है। डेंगू à¤à¤• तरह का वायरल बà¥à¤–ार होता है।
कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते है की डेंगू बà¥à¤–ार कितने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की होती है नहीं तो आइये जाने की डेंगू बà¥à¤–ार के बारे में –
मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤: डेंगू बà¥à¤–ार का रोगी तीन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अवसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ हो सकता है।
1. साधारण डेंगू बà¥à¤–ार –
इसमें मरीज को लगà¤à¤— à¤à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ तक सामानà¥à¤¯ बà¥à¤–ार रहता है à¤à¤µà¤‚ इसके साथ ही निचे दिठगठलकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में से दो या दो से अधिक लकà¥à¤·à¤£ à¤à¥€ साथ में दिखाई दे सकते है|
- अचानक तेज बà¥à¤–ार होना।
- सर में आगे की तरफ तेज दरà¥à¤¦ होना।
- आà¤à¤–ों के पीछे दरà¥à¤¦ और आà¤à¤–ों की पà¥à¤¤à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हिलने से दरà¥à¤¦ अधिक होना।
- मांसपेशियों में व जोड़ो में दरà¥à¤¦ महसूस होना।
- सà¥à¤µà¤¾à¤¦ का पता नहीं चलना और न ही à¤à¥‚ख लगना।
- छाती और ऊपरी अंगो पर खसरे जैसे दाने पड़ना।
- चकà¥à¤•à¤° आना।
- जी घबराना उलà¥à¤Ÿà¥€ आना।
- शरीर पर रकà¥à¤¤ के चकते होना और शरीर में सफेद रकà¥à¤¤ कणिकाओं की कमी होना।
- बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में डेंगू बà¥à¤–ार के लकà¥à¤·à¤£ बडो के तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कम दिखाई देते है।
2. रकà¥à¤¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ वाला डेंगू बà¥à¤–ार (डेंगू हमà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¿à¤• फीवर)-
खून बहने वाले डेंगू बà¥à¤–ार के लकà¥à¤·à¤£ और आघात रकà¥à¤¤ सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤µ वाला डेंगू में पाठजाने लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के अतिरिकà¥à¤¤ निमà¥à¤¨ लकà¥à¤·à¤£ पाये जाते है।
- शरीर को चमड़ी पिली तथा ठंडी पड़ जाना।
- नाक , मà¥à¤à¤¹ और मसूड़ों से खून बहना।
- पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤²à¥‡à¤Ÿ कोशिकाओं की संखà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤• लाख से कम हो जाना।
- फेफड़ो और पेट में पानी à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ होना।
- सà¥à¤•à¤¿à¤¨ पर घाव पड़ना।
- बेचैनी रहना व लगातार कराहना।
- पà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लगना।
- खून की उलà¥à¤Ÿà¥€ होना।
- शà¥à¤µà¤¾à¤¸ लेने में तकलीफ होना।
3. डेंगू शॉक सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® –
ऊपर दिठगठलकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के अलावा अगर मरीज में परिसंचार तंतà¥à¤° में गड़बड़ी होना जैसे लकà¥à¤·à¤£ –
- नबà¥à¤œ का कमजोर पड़ना या तेजी से चलना।
- रकà¥à¤¤à¤šà¤¾à¤ª का काम हो जाना व तà¥à¤µà¤šà¤¾ का ठंडा पड़ जाना।
- पेट में तेज व लगातार दरà¥à¤¦ होना।
- उपर की तीनो परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मरीज का आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° उपचार पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ करें।
- मरीज के खून की सिरोलॉजिकल à¤à¤µà¤‚ वायलॉजिकल टेसà¥à¤Ÿ केवल रोग को सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करता है तथा इनका होना या ना होना मरीज के उपचार में कोई पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नहीं डालता कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ डेंगू à¤à¤• तरह का वायरल बà¥à¤–ार है इसके लिठकोई खास दवा या वेकà¥à¤¸à¥€à¤¨ उपलबà¥à¤§ नहीं होती है।
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उपचार –
1. पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤à¤¿à¤• बà¥à¤–ार की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में :-
- मरीज को आराम की सलाह दे।
- पैरासिटामोल को गोली उमà¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° और जब तेज बà¥à¤–ार होने पर ही देवें।
- à¤à¤¸à¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤¨ और आइबà¥à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¨ नहीं दे।
- à¤à¤¨à¥à¤Ÿà¥€à¤¬à¥‰à¤Ÿà¤¿à¤• नहीं दे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की इससे वे इस बीमारी में वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ है।
- मरीज को ओ. आर. à¤à¤¸. का गोल पिलायें।
- à¤à¥‚ख के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥‹à¤œà¤¨ दिया जाà¤à¤‚।
2. साधारणतया डेंगू बà¥à¤–ार के मरीज को ठीक होने के २ दिन में ही जटिलताà¤à¤‚ देखी गई है।
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• डेंगू बà¥à¤–ार के रोगी को ठीक होने के दो दिने बाद तक निगरानी रखनी चाहिठऔर डेंगू बà¥à¤–ार से ठीक होने पर मरीज à¤à¤µà¤‚ उसके परिजनों को निमà¥à¤¨ लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से उà¤à¤°à¤¨à¥‡ पर विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिठ–
- पेट में तेज दरà¥à¤¦à¥¤
- काले रंग का मल जाना।
- मसूड़ों व नाक, सà¥à¤•à¤¿à¤¨ से खून निकलना।
- पसीना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आना।
- à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में मरीज को तà¥à¤°à¤‚त असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ होने की सलाह दे।
3. डेंगू शॉक सिंडà¥à¤°à¥‹à¤® के मरीजों को उपचार में हिदायतें :-
à¤à¤¸à¥‡ मरीज को हर घंटे में देखते रहना चाहिà¤à¥¤
खून में पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤²à¥‡à¤Ÿ की कमी होना à¤à¤µà¤‚ खून में हिमोटोकà¥à¤°à¤¿à¤Ÿ का बढ़ना इस अवसà¥à¤¥à¤¾ की और इंगित करता है।
समय रहते आई वी थैरपी मरीज को शॉक से उà¤à¤° सकती है।
अगर २० ml /Kh/hr à¤à¤• घंटे में आईवी के देने पर à¤à¥€ मरीज की दशा में सà¥à¤§à¤¾à¤° नहीं होता है। डेकà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ या पà¥à¤²à¤¾à¤œà¥à¤®à¤¾ दिया जाना चाहिà¤à¥¤
अगर फिर à¤à¥€ मरीज के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ गिरावट आती है तो ताजा खून दिया जाना चाहिठशॉक में ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ दी जाà¤à¤‚ à¤à¤¸à¤¿à¤¡à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ सोडा बाइकारà¥à¤¬ दिया जाà¤à¥¤
डेंगू बà¥à¤–ार के बचाव के उपाय :-
- अपने घरो के आस -पास पानी à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ नहीं होने दें।
- घर में कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना चाहिà¤à¥¤
- रात को सोते समय मचà¥à¤›à¤°à¤¦à¤¾à¤¨à¥€ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें।
- मचà¥à¤›à¤° à¤à¤—ाने की दवा का उपयोग करना चाहिà¤
- रकार के सà¥à¤¤à¤° पर किये जाने वाले कीटनाशक छिड़काव में सहयोग करना चाहिà¤à¥¤
- रोगी को उपचार हेतॠतà¥à¤°à¤‚त निकट असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² व सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ केंदà¥à¤° में ले जाà¤à¤‚।
- अपने घरेलू पानी के टंकियों को हमेशा ढककर रखे।
- अपने आस – पास पानी की नालियों में मिटटी के तेल का छिड़काव करना चाहिà¤à¥¤