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फुल बॉडी चेकअप क्या होता है? क्यों जरुरी है फुल बॉडी चेकअप?

आयुर्वेद में कहा गया है, ‘पहला सुख निरोगी काया’, अर्थात शरीर का स्वस्थ होना इस संसार में सबसे बड़ा सुख है। अगर इंसान का तन मन स्वस्थ है, तो उसका आत्मविश्वास भी बढ़ा हुआ रहता है। समय के साथ हमारे रहन सहन और खान पान में बदलाव आया है, जिससे बीमारियाँ भी बढ़ी हैं। ऐसे में बहुत जरुरी हो गया है, अपने स्वास्थ्य का ख़याल रखना। पहला तो अच्छी दिनचर्या और दूसरा नियमित फुल बॉडी चेकअप इसके लिए बेहद जरुरी है।

एक समय था, जब ये माना जाता था कि 35-40 साल की उम्र के बाद अपना हेल्थ चेकअप कराना चाहिए, क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर अनेक बीमारियों से ग्रस्त रहने लगता है, लेकिन आज समय बदल गया है आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, बदलती लाइफ स्टाइल, प्रदूषण, काम के बढ़ते बोझ, खान-पान की गलत आदतों को देखते हुए अब 25 की उम्र से ही फुल बॉडी चेकअप कराना शुरू कर देना चाहिए|

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फुल बॉडी चेकअप के फायदे और उससे जुड़ी तमाम बातें

आइये जानते हैं क्यों जरुरी है बॉडी चेकअप और क्या है बॉडी चेकअप के फायदे और उससे जुड़ी तमाम बातें।  

1) फुल बॉडी चेकअप के क्या फायदे है?

हमारे शरीर में कई ऐसे बदलाव समय समय पर होते रहते हैं, जिनका पता सामान्य लक्षणों से नहीं चलता। इसमें ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन, फैट, कोलेस्ट्रोल, लिपिड प्रोफाइल, किडनी की जांच और भी पूरे शरीर की कार्य प्रणाली से जुड़ीं चीज़ें है जो केवल जांच से ही पता चल पाती है। फुल बॉडी चेकअप (body check up) के फायदे ये हैं, कि समय रहते आपको अपने शरीर में हो रहे असामान्य परिवर्तनों का पता चल जाता है और उस पर डॉक्टर से परामर्श लेकर उपचार भी किया जा सकता है। 

कई ऐसी गंभीर बीमारियाँ है, जो पूर्व लक्षण प्रकट नहीं करती, केवल जांच में ही उनका पता चल सकता है। इसलिए नियमित बॉडी चेकअप बहुत फायदेमंद है।  

2) फुल बॉडी चेकअप किसको करवाना चाहिए?

बॉडी चेकअप के लिए वैसे तो किसी उम्र विशेष पर ही करवाना हो, ऐसा कोई जरुरी नहीं है। सभी उम्र के लोगों को बॉडी चेक अप करवाना चाहिए। इसके लिए आप पूरे परिवार के लिए पैकेज भी ले सकते हैं। जांच के लिए बीमार होने का इन्तजार नहीं करना चाहिए। फुल बॉडी चेकअप से समय रहते बीमारी की सम्भावना और उसे रोकने के उपाय किये जा सकते हैं।

कम से कम 30 से 40 की उम्र के बाद तो व्यक्ति को अपना फुल बॉडी चेकअप करवाना ही चाहिए। महिलाओं में भी अगर आप मेनोपॉज से पहले भी बॉडी चेकअप करवा सके तो अच्छा होगा वरना मेनोपॉज के बाद तो अवश्य ही जांचे करवाना चाहिए। 

3) फुल बॉडी चेकअप में कौन कौन से टेस्ट होते हैं?

पूरे शरीर की जांच से जुड़े कई सारे टेस्ट किये जाते हैं। अलग अलग पैकेज के हिसाब से इन टेस्ट्स की संख्या कम ज्यादा हो सकती है। हम यहाँ पर उन मेडिकल टेस्ट लिस्ट के बारे में बात कर कर रहे हैं जो सामान्य रूप से फुल बॉडी चेकअप में किये जाते हैं। कुछ पैकेज में अधिक टेस्ट भी हो सकते हैं और कुछ में कम, आइये जानते हैं:

फुल बॉडी चेकअप

ब्लड टेस्ट

ब्लड टेस्ट सबसे समय और महत्वपूर्ण जांचों में से एक है। केवल ब्लड जांच से ही आपके शरीर की स्थिति के बारे में बड़ी जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं। इसकी मदद से हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स, शुगर लेवल, कोलेस्ट्रोल आदि के बारे में जानकारी मिल जाती है।

कैंसर टेस्ट

फुल बॉडी चेकअप के पैकेज में कैंसर से जुड़े टेस्ट होना एक आवश्यक मेडिकल टेस्ट माना जाता है। एक उम्र के बाद महिलाओं और पुरुषों दोनों को ये जांचे करवाना चाहिए। महिलाओं के लिए ओवरी व ब्रैस्ट और पुरुषों के लिए प्रोटेस्ट टेस्ट किया जाता है। 

लिवर फंक्शन टेस्ट

लिवर फंक्शन टेस्ट जिसे LFT के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण टेस्ट है। लिवर की कार्यप्रणाली, प्रोटीन, ग्लोबिन और एल्ब्यूमिन के बारे में इस टेस्ट से पता लगता है। लिवर में होने वाले संभावित रोगों की जांच के लिए ये टेस्ट आवश्यक है। 

किडनी फंक्शन टेस्ट

किडनी से जुड़े कार्यों की जांच के लिए इस टेस्ट को किया जाता है। रक्त में यूरिया की मात्रा, क्रिएटीनिन, यूरिक एसिड और अन्य कारकों के जांच के लिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक टेस्ट है।

लिपिड प्रोफाइल

रक्त में कोलेस्ट्रोल आदि की मात्रा जांचने के लिए ये टेस्ट किया जाता है। इसके अंतर्गत निम्न टेस्ट होते हैं-

  • टोटल कोलेस्ट्रॉल 
  • हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन 
  • लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन
  • वेरी लो डेसिंटी लिपोप्रोटीन
  • ट्राइग्लिसराइड की चांज होती है

ब्लड शुगर टेस्ट

रक्त में शर्करा स्तर को जांचने के लिए ये टेस्ट होता है। सीधे शब्दों में आपको मधुमेह रोग है या नहीं? क्या प्री- डायबिटिक स्टेज है ? आदि सवालों के जवाब इस जांच से मिल जाते हैं। 

आँख और कान की जांच

आँखों के लिए मायोपिया, दूर दृष्टि दोष, निकट दृष्टि दोष, वर्नान्धता (color blindness), मोतियाबिंद की जांच की जाती है और कान के लिए सुनने की क्षमता आदि स्थितयों की जानकारी इन जांच से मिलती है। 

यूरिन टेस्ट

मूत्र की जांच द्वारा उसमें मौजूद तत्वों के आधार पर व्यक्ति के स्वास्थ्य का पता लगाया जा सकता है। ग्लूकोज, यूरिया, प्रोटीन स्तर आदि की जानकारी इससे मिलती है।

एक्स-रे

फेफड़ों की जांच के लिए एक्स रे द्वारा की जाती है। धूम्रपान या अन्य कारणों से जिन लोगों के फेफड़ों में समस्या आती है, उससे कई अन्य बीमारियों की सम्भावना बढ़ जाती है। इसलिए ये फुल बॉडी चेकअप की मेडिकल टेस्ट लिस्ट में एक महत्वपूर्ण टेस्ट हैं। 

4) डॉक्टर उम्र के हिसाब से कौन से टेस्ट करवाने की सलाह देते है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो स्वस्थ व्यक्ति को भी नियमित जांच करवाना चाहिए। इसके लिए कोई विशेष तय उम्र नहीं है, फिर भी 18 वर्ष के बाद प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप जरुरी होता है, जिसमे रक्त चाप (BP), BMI यानि बायो मास इंडेक्स जैसी सामान्य जांचे शामिल है। 

25 – 45 उम्र वाले लोगों को लिपिड प्रोफाइल, शुगर टेस्ट, ईसीजी जैसी जाँची सहित अन्य मेडिकल टेस्ट का पैकेज लेना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए आप अपने निकटतम डॉक्टर से परामर्श लेवें।  

5) फुल बॉडी चेकअप के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चहिए?

फुल बॉडी चेकअप के लिए आप अगर जा रहें हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि क्या आपने डॉक्टर से सलाह ली है या नहीं। अगर बिना सलाह के आप किसी लैब में टेस्ट करवा रहे हैं तो इससे बचें।

  • डॉक्टर के कहे अनुसार जांच से पूर्व के लिए दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  • अगर आपको भूखे पेट जांच करवानी हो तो कुछ नहीं खाएं पीयें, टेस्ट रिजल्ट में गड़बड़ी आ सकती है।
  • लैब टेस्ट से पहले के दिनों में शराब आदि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करें। ब्लड टेस्ट के रिजल्ट्स में इससे परिणामों में अंतर आ सकता है। 

अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए स्वास्थ्यकर भोजन और अच्छी दिनचर्या के साथ साथ नियमित फुल बॉडी चेकअप भी आवश्यक है। इससे हमें समय रहते बीमारियों और उनकी संभावनाओं का पता चल जाता है और उचित सलाह से हम इन बीमारीओं को रोक सकते हैं। 

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