Hindi Diwas
हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· १४ सितमà¥à¤¬à¤° को मनाया जाता है। १४ सितमà¥à¤¬à¤° १९४९ को संविधान सà¤à¤¾Â ने à¤à¤• मत से यह निरà¥à¤£à¤¯ लिया कि हिनà¥à¤¦à¥€Â ही à¤à¤¾à¤°à¤¤Â की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾Â होगी। इसी महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ निरà¥à¤£à¤¯ के महतà¥à¤µ को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ करने तथा हिनà¥à¤¦à¥€ को हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिये राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° समिति, वरà¥à¤§à¤¾Â के अनà¥à¤°à¥‹à¤§ पर वरà¥à¤· १९५३ से पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में १४ सितमà¥à¤¬à¤° को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· हिनà¥à¤¦à¥€-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
14 सितंबर, 1949 के दिन हिंदी को राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ का दरà¥à¤œà¤¾ मिला था. तब से हर साल यह दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है. लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते हैं कि हिंदी दिवस कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मनाया जाता है ? इसके पीछे à¤à¤• वजह है। दरअसल साल 1947 में जब अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ हà¥à¤•à¥‚मत से आजाद हà¥à¤† तो देश के सामने à¤à¤¾à¤·à¤¾ को लेकर सबसे बड़ा सवाल था।
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सैकड़ों à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ और बोलियां बोली जाती है। 6 दिसंबर 1946 में आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ का संविधान तैयार करने के लिठसंविधान का गठन हà¥à¤†à¥¤ संविधान सà¤à¤¾ ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प को मंजूरी दे दी। आजाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हà¥à¤†à¥¤
लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ की कौन सी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ चà¥à¤¨à¥€ जाà¤à¤—ी ये मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ काफी अहम था।काफी सोच विचार के बाद हिंदी और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ को नठराषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤¾à¤·à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾ गया। संविधान सà¤à¤¾ ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को अंगà¥à¤°à¤œà¥‹à¤‚ के साथ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की आधिकारिक à¤à¤¾à¤·à¤¾ के तौर पर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था। 14 सितंबर 1949 को संविधान सà¤à¤¾ ने à¤à¤• मत से निरà¥à¤£à¤¯ लिया कि हिंदी ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ होगी।
देश के पहले पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि इस दिन के महतà¥à¤µ देखते हà¥à¤ हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाठ। बतादें पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था।
अगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को लेकर हà¥à¤† विरोध
14 सितंबर 1949 को संविधान सà¤à¤¾ ने à¤à¤• मत से निरà¥à¤£à¤¯ लिया कि हिंदी ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ होगी. अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को हटाठजाने की खबर पर देश के कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में विरोध पà¥à¤°à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ हो गया था । तमिलनाडू में जनवरी 1965 में à¤à¤¾à¤·à¤¾ विवाद को लेकर दंगे हà¥à¤ थे।
जनमानस की à¤à¤¾à¤·à¤¾ हैं हिंदी
साल 1918 में महातà¥à¤®à¤¾ गांधी ने हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की à¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¥€ कहा था।
Source: https://aajtak.intoday.in/education/story/why-india-celebrate-hindi-divas-on-14-september-hindi-diwas-2017about-hindi-diwas-tedu-1-952124.html