गर्मियों में आने वाले फलों में 80-90 प्रतिशत तक पानी होता है उनमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होता है। इनमें फैट की मात्रा न के बराबर होती है। आइए जानें जिन फलों को आप अपनी डाइट में शामिल करते हैं, आखिर उनकी तासीर क्या कहती है और कैसे करें उन्हें अपनी डाइट में शामिल...
खरबूजा: खरबूजे की तासीर ठंडी होती है। यह पानी का अच्छा स्रोत है। इसनें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, जिंक होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए सहायक हैं। हर घर में नजर आने वाले तरबूज के अनेक फायदे होते हैं. इसकी तासीर ठंडी होती है। यह फल पानी और इलेक्ट्रोलाइट से भरपूर होता है और हमारी पाचन प्रक्रिया और किडनी के लिए भी यह एक अच्छा फल है। यह डिहाइड्रेशन से बचाता है. इसमें बहुत कम कैलरी होती है और लाइकोपीन ज़्यादा होता है, जो सूर्य की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। यही नहीं, यह गर्मी से लड़ने में भी हमारी मदद करता है। इसमें विटामिन ए और विटामिन सी की काफी मात्रा होती है, जो कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है. इसके साथ ही, यह शरीर को डी-टॉक्स करने में भी मदद करता है, लेकिन खाने से दो-तीन घंटे पहले और बाद में तरबूज खाने से परहेज करना चाहिए.
आलूबुखारा: यह छोटा-सा आलूबुखारा कई गुणों की खान है। इसकी तासीर ठंडी होती है। यह विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होता है। इसमें मौजूद फाइबर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह आंखों के लिए भी अच्छा होता है। गर्मियों में अक्सर लोगों को नकसीर फूटने (नाक से खून आना) की समस्या हो जाती है। ऐसे में रोज एक आलूबुखारा खाने से आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आलूबुखारे में ऑक्सालिक एसिड होता है, इसलिए जिन लोगों को पत्थरी हो, वह आलूबुखारा न खाएं।
आम: फलों का राजा कहे जाने वाले आम की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसे ज़्यादा खाने से परहेज करना चाहिए. इसमें आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और पोटेशियम होता है. यह बदहजमी, पाचन शक्ति और कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है. जहां पके हुए आम की तासीर गर्म होती है, वहीं कच्चे आम की तासीर ठंडी होती है, इसलिए आमपन्ना बनाने के लिए कच्चे आम का इस्तेमाल किया जाता है. वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं और डायबिटीज़ के मरीजों को इसे खाने से परहेज करना चाहिए.
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केला: इसकी तासीर ठंडी होती है. यह पोटेशियम से भरपूर होता है, इसलिए यह रक्त प्रवाह को बनाए रखने और कम करने में मदद करता है। कैल्शियम से भरपूर होने के कारण यह हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा होता है। इसमें पानी की मात्रा कम और कैलोरी की मात्रा ज़्यादा होती है, इसलिए मधुमेह के रोगी और वजन घटाने वाले लोग इसे खाने से परहेज करते हैं। जुख़ाम से पीड़ित लोगों को केले से दूर रहना चाहिए।
आड़ू: आड़ू की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे संतुलन के साथ खाना बेहतर रहता है। इनमें बीटा कैरोटिन, विटामिन सी होता है, जो एनीमिया कम करने में मदद करता है. यही नहीं, इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।
खरबूजा: खरबूजे की तासीर ठंडी होती है। यह पानी का अच्छा स्रोत है। इसनें विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, जिंक होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए सहायक हैं।
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