नई दिल्ली : भारत में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। पीपल का पेड़ जितना धार्मिक मान्यताओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है उतना ही औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं होती है। इसलिए आज हम आपको पीपल के औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं।
पेट दर्द : पीपल के पौधे की 2-5 पत्तियों का पेस्ट बनाकर उसे 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर मिश्रण बना लें तथा इस मिश्रण की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर दिन में 3-4 बार सेवन से पेट दर्द में राहत मिलेगी।
अस्थमा : पीपल की छाल व पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण को दिन में 3-4 बार सेवन से अस्थमा रोग से मुक्ति मिलती है।
सांप काटने पर : जहरीले सांप के काटे जाने पर पीपल की कोमल पत्तियों के रस की दो-दो बूंदे लें और उसकी पत्तियों को चबाएं, उससे सांप के विष का असर कम हो जाता है।
त्वचा रोग : पीपल की कोमल पत्तियों को चबाने से त्वचा की खारिश व अन्य रोगों का उपचार होता है। पीपल की पत्तियों की 40 मिलीलीटर चाय का सेवन भी अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।
दाद खाज खुजली : 50 ग्राम पीपल की छाल की राख बनाकर, इसमें नींबू तथा घी मिलाकर इसका पेस्ट बना कर इस पेस्ट को प्रभावित अंगों पर लगाने से आपको तुरंत शीतलता प्राप्त होगी। पीपल की छाल की 40 मिलीलीटर चाय के प्रतिदिन सेवन से भी राहत मिलती है।
फटी एड़ियां : फटी एड़ियों पर पीपल की पत्तियों का रस या उसका दूध लगाएं इससे इस समस्या में पूरा उपचार मिलेगा।
रक्त की शुद्धता : 1-2 ग्राम पीपल बीज पाउडर को शहद में मिलाकर प्रतिदिन दो बार उपयोग से रक्त शुद्ध होता है।
कब्ज : पीपल के 5-10 फल प्रतिदिन सेवन में कब्ज रोग का स्थाई समाधान होता है।
लिवर के रोगों के लिए : 3-4 ताजा पीपल की पत्तियों को क्रिस्टल चीनी में मिलाकर इसका पाउडर बना लें। इस पाउडर को 250 ग्राम पानी में मिलाकर मिश्रण को छान लें। इसे रोगी को 5 दिन तक दिन में दो बार दें। यह मिश्रण पीलिया रोग में अत्यंत प्रभावकारी साबित होता है।
हिचकी आने पर : 50-100 ग्राम पीपल की छाल का चारकोल बनाकर इसे पानी से बुझा दें। इस पानी के सेवन से हिचकी आनी बंद हो जाती है।
आंखों में दर्द : पीपल की पत्तियों के दूध को आंखों पर लगाने से आंखों की पीड़ा कम होगी।
दांत दर्द : पीपल व वट पेड़ की छाल बराबर मात्रा में लेकर इस मिश्रण बना लें, इस मिश्रण को गर्म पानी में उबाल कर इससे कुल्ला करने से दांत दर्द समाप्त हो जाता है।
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